इंदौर में लोसकभा चुनाव
इंदौर: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव की जारी मतगणना के दौरान मध्यप्रदेश के इंदौर में ‘नोटा'(उपरोक्त में से कोई नहीं) ने बिहार के गोपालगंज का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वोटो की गिनती के बाद सामने आया है कि डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने नोटा को चुना है। वहीं भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी को 867981 से अधिक वोट मिल चुके हैं। वोटों की गिनती जारी है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘नोटा’ को बिहार की गोपालगंज सीट पर सर्वाधिक वोट मिले थे। तब इस क्षेत्र के 51,660 मतदाताओं ने ‘नोटा’ का विकल्प चुना था और कुल मतों में से करीब पांच प्रतिशत वोट ‘नोटा’ के खाते में गए थे।
कांग्रेस प्रत्याशी की नामांकन वापसी
इंदौर में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया। वो इसके तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई। माना जा रहा था कि इससे विधायकी के लिए बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी का रास्ता साफ हो गया है।
नोटा का आंकड़ा डेढ़ लाख के पार
हालांकि कांग्रेस ने बीजेपी को सबक सिखाने के लिए यहां नोटा का खूब प्रचार किया। शायद यही वजर है कि इंदौर की जनता ने नोटा का चुनाव किया है। मतगणना में नोटा का आंकड़ा 169228 से पार पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ‘नोटा’ के बटन को सितंबर 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में शामिल किया गया था।
निवर्तमान सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार शंकर लालवानी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी संजय सोलंकी से 7 लाख 64 हजार से बढ़त बनाए हुए हैं। लालवानी इस सीट पर रिकॉर्ड जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं जहां कुल 14 उम्मीदवारों के बीच चुनावी टक्कर है।