विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी (फोटो- सोशल मीडिया)
VIP Leader Mukesh Sahani Poster Sparking Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन में दरार की खबरें तेज हो गई हैं। सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने राज्य की सियासत में तूफान ला दिया है। सहनी ने अपने पोस्टर से ‘महागठबंधन’ का नाम हटाते हुए एक ऐसी सरकार बनाने का ऐलान किया है जो सबका सम्मान करे। इस पोस्ट के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या ‘सन ऑफ मल्लाह’ एक बार फिर पाला बदलकर एनडीए का दामन थाम सकते हैं?
महागठबंधन के सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी को दो टूक कह दिया है कि अगर उन्हें गठबंधन में रहना है तो आरजेडी की शर्तों पर ही चुनाव लड़ना होगा। बताया जा रहा है कि सहनी 30 सीटों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की भी मांग कर रहे हैं, जिस पर सहमति नहीं बन पा रही है। इसी तनातनी के बीच तेजस्वी यादव ने इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के मुखिया आईपी गुप्ता से मुलाकात की, जिसे सहनी पर दबाव बनाने या उनके विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, विवाद बढ़ने के कुछ घंटों बाद सहनी ने एक और बयान जारी कर कहा कि ‘महागठबंधन अटूट है’।
14 नवंबर को हम बिहार में ऐसी सरकार बनाएंगे, जहां हर वर्ग को उसका हक और सम्मान मिलेगा।#BiharElections2025 pic.twitter.com/b0niA7WPau — Mukesh Sahani (@sonofmallah) October 11, 2025
बिहार में चल रही इस सियासी उठापटक पर NDA की पैनी नजर है। खबर सामने आते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में सहयोगी दलों के साथ एक आपात बैठक बुलाई। सूत्रों का कहना है कि अगर मुकेश सहनी एनडीए में वापसी करते हैं, तो उन्हें समायोजित करने के लिए सभी सहयोगी दलों को अपने हिस्से की कुछ सीटें छोड़नी पड़ सकती हैं। वहीं, बिहार में बात न बनने के बाद अब महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला भी दिल्ली में ही होगा, जहां लालू यादव और तेजस्वी यादव कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।
यह भी पढ़ें: T-शर्ट उतरवाई और बन गए राक्षस, पुलिस ने इतना पीटा कि फट गईं नसें, तड़प-तड़प कर DSP के साले की मौत
वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय के अनुसार, मुकेश सहनी भले ही खुद चुनाव हारते रहे हों, लेकिन वे बिहार की लगभग 2.5% निषाद आबादी के सर्वमान्य नेता बन चुके हैं। उनका प्रभाव मिथिलांचल-कोसी क्षेत्र की 25 से 30 सीटों पर हार-जीत तय कर सकता है। अगर सहनी गठबंधन छोड़ते हैं तो यह तेजस्वी यादव के ईबीसी समीकरण को बड़ा झटका होगा और चुनाव से पहले महागठबंधन में टूट का संदेश जाएगा। वहीं, एनडीए में उनके आने से अति पिछड़ा वर्ग का वोट बैंक और मजबूत होगा, जिसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिलेगा।