बिहार विधानसभा चुनाव 2025, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Bihar Assembly Elections 2025: दरभंगा जिले के दक्षिणी हिस्से में स्थित बहादुरपुर विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में गठबंधन और एंटी-इंकम्बेंसी के प्रभाव को दर्शाती है। यह सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और 2010 में यहां पहला विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ। बहादुरपुर और हनुमान नगर प्रखंडों से मिलकर बनी यह सीट दरभंगा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।
भौगोलिक रूप से, बहादुरपुर दरभंगा शहर से लगभग 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। सड़क और रेल नेटवर्क के लिहाज से यह क्षेत्र अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है, जिसका संपर्क लहेरियासराय, मनीगाछी और समस्तीपुर जैसे महत्वपूर्ण कस्बों से है।
बहादुरपुर की अर्थव्यवस्था आज भी मुख्य रूप से कृषि पर टिकी है। यहां की उपजाऊ भूमि पर धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती प्रमुख है। हालांकि, क्षेत्र में औद्योगिक विकास नगण्य होने के कारण बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। युवाओं का रोजगार और अवसरों के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन यहां एक आम बात है, जो चुनावी मुद्दों में प्रमुखता से शामिल रहती है। मतदाताओं की मांग हमेशा से कृषि-आधारित उद्योगों और स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने की रही है।
बहादुरपुर सीट का इतिहास दिखाता है कि यहां की जनता ने किसी एक नेता या पार्टी को लगातार समर्थन नहीं दिया है, बल्कि गठबंधन की स्थिति यहां के चुनावी नतीजों को निर्णायक रूप से प्रभावित करती रही है। 2010 में जेडीयू के मदन साहनी ने राजद के भोला यादव को हराकर जीत दर्ज की। तब जेडीयू-बीजेपी साथ चुनाव लड़ा था। फिर 2015 में जेडीयू-आरजेडी गठबंधन के चलते समीकरण पलटा और राजद के भोला यादव ने भाजपा उम्मीदवार को हराया। वहीं साल 2020 में जेडीयू ने भाजपा के साथ गठबंधन कर फिर से बाजी मारी और मदन साहनी ने राजद उम्मीदवार को शिकस्त दी।
इन तीन चुनावों में, हर बार विधायक बदला है, जो यह दर्शाता है कि बहादुरपुर के मतदाता सत्ता विरोधी लहर (एंटी-इंकम्बेंसी) और राजनीतिक गठबंधनों के बदलाव पर अपनी मुहर लगाते हैं।
चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,11,991 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 1,65,032 पुरुष और 1,46,947 महिलाएं शामिल हैं। यह आंकड़ा साफ करता है कि महिला मतदाता चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में, बहादुरपुर में एक बार फिर रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा।
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वर्तमान में एनडीए (भाजपा-जदयू) इस सीट को बचाने की कोशिश करेगा, जबकि राजद गठबंधन अपनी पिछली हार का बदला लेने के लिए पूरा ज़ोर लगाएगा। जनता का फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन सा गठबंधन पलायन, रोज़गार और कृषि विकास जैसे प्रमुख स्थानीय मुद्दों पर मतदाताओं को अधिक प्रभावित कर पाता है।