कॉन्सेप्ट फोटो (पिक्साबे)
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए एक नई पहल की है। शुक्रवार 8 नवंबर को, दिल्ली के आनंद विहार इलाके में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन से पानी का छिड़काव किया गया। यह परीक्षण दिल्ली सरकार की प्रदूषण नियंत्रण योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है।
बता दें, आनंद विहार शहर के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अक्सर ‘खराब’ या ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया जाता है। इस इलाके में ड्रोन से पानी का छिड़काव करने का प्रयोग प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किया गया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यदि इसका परीक्षण सफल रहता है, तो इसे अन्य अधिक प्रदूषित क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है।
गोपल राय ने बताया कि वर्तमान में दिल्ली में 200 से अधिक ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात हैं, जो हवा में मौजूद धूल और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर ड्रोन से किए गए परीक्षण के अच्छे परिणाम मिले तो दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और अधिक ड्रोन खरीदने पर विचार कर सकती है। इन ड्रोन में 15 लीटर तक पानी की क्षमता है और ये खासकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों और दुर्गम स्थानों पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
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यह प्रयोग दिल्ली सरकार के शीतकालीन कार्य योजना का हिस्सा है, जो 25 सितंबर को पेश की गई थी। योजना का उद्देश्य शीतकालीन प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए 21 प्रमुख कदम उठाना है। इसके तहत दिल्ली के 13 सबसे प्रदूषित स्थानों के लिए विशेष कार्य योजनाएं बनाई गई हैं, जिनमें प्रदूषण के स्रोतों पर निगरानी और नियंत्रण की व्यवस्था है।
राय ने बताया कि इन क्षेत्रों में 80 गतिशील और 68 स्थिर एंटी-स्मॉग गन तैनात की गई हैं, और दिल्ली नगर निगम (MCD) को भी निर्माण स्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
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