डॉ. उमर नबी और दिल्ली कार ब्लास्ट की तस्वीर।
Dr. Mohammad Umar Nabi: दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके का मास्टरमाइंड डॉ. उमर नबी के डीएनए में भी नफरत था। ऐसा उसके कॉलेज के छात्रों का कहना है। वह अपने कट्टरपंथ के जहर को क्लास में दिखाया करता था। उमर फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के छात्रों ने उमर नबी के कट्टरपंथ जहर फैलाने के किस्से बताए हैं।
छात्रों का कहना है कि उमर क्लास लेते थे तो सबसे पहले वह छात्रों को धर्म और लिंग के आधार पर अलग करता था। लड़के-लड़कियों को अलग बैठा दिया करते थे। क्लास में लड़के-लड़कियों को आपस में बात करने की मनाही थी। इतना ही नहीं वह हिंदू और मुस्लिम छात्रों को भी अलग-अलग बैठाता था। एक छात्रा ने बताया कि वो कहते थे कि अपने धर्म के लोगों के साथ बैठो। वो तुम्हारे अपने हैं। बाकी से दूर रहो। उमर अपने धर्म के छात्रों के प्रति पक्षपात करते थे। वह मुस्लिम छात्रों से कहते थे कि तुम्हें दूसरों से अव्वल रहना है। आगे बढ़ना है। एक छात्रा ने कहा कि दूसर ओर हमसे छोटी-सी गलती होती तो वो जोर से डांटते, लेकिन मुस्लिम छात्रों की गलती पर कुछ नहीं कहते थे।
डॉ. उमर का दोहरा रवैया क्लास तक सीमित नहीं था। धीरे-धीरे पूरी यूनिवर्सिटी में जहरीला माहौल बनाया था। अन्य एक छात्रा ने बताया कि उमर के इस रवैये की वजह से उनके साथ पढ़ने वाले दूसरे धर्म के छात्रों का रवैया भी बदला रहता था। दूसरे धर्म के छात्र हिंदुओं को यह कहकर चिढ़ाते हैं कि तुम चाहे जितनी मेहनत कर लो, नंबर तो ज्यादा हमारे आएगे। उमर का फैलाया जहर यूनिवर्सिटी के छात्रों के मन में अब भी बैठा है। इन बयानों से स्पष्ट है कि उमर का मकसद पढ़ाई नहीं, बल्कि आतंकी जहर फैलाना था।
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24 फरवरी, 1989 को उमर का पुलवामा में जन्म हुआ था। पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला उमर पेशे से डॉक्टर और दिमाग से आतंकी था। फिलहाल वह अल फलाह यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया करता था। जिस कार में ब्लास्ट हुआ, उसमें वह बैठा था। दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर एक के पास सोमवार को विस्फोट हुआ था। पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में मास्क पहने उमर को कार चलाते हुए देखा गया है।