
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी।
Yeti Narsimhanand Giri Latest Statement: जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने आज फरीदाबाद की अल-फलाह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दारुल उलूम देवबंद को तोप से उड़वाने की मांग की। बता दें, फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी नए टेरर मॉड्यूल से चर्चा में है। भारी विस्फोटक के साथ पकड़े गए डॉक्टरों का संबंध इस विश्वविद्यालय से है।
नरसिंहानंद ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कई विवादित बातें कहीं। उन्होंने कहा, फरीदाबाद में अल फलाह नाम की तथाकथित यूनिवर्सिटी है, जो आतंकी डॉक्टर पकड़े गए हैं, वो इसी यूनिवर्सिटी से हैं। जो आतंकवादी बम धमाकों पर मरे, उनकी मौत पर इस विश्वविद्यालय में शोक मनाया गया। देख लो! हिंदुओं तुम्हारे साथ क्या हो रहा है? वो आतंकवादियों का भी शोक मनाते हैं। तुमने मुझे केवल इसलिए छोड़ा कि मैं इन जिहादियों की सच्चाई पूरी दुनिया को बता रहा था। इन जिहादियों को खुलकर गाली दे रहा था। इनके आकाओं से लड़ रहा था।
नरसिंहानंद ने कहा, वो हर हालत में अपने लोगों के साथ हैं। इस कारण आज उनके 57 देश हैं। आप बिना मतलब लड़ने वालों को छोड़ देते हो, इसलिए आपके पास कुछ नहीं रहा। जिस कौम के पास लड़ने वाले नहीं होंगे, वह कौम जिंदा कैसे रहेगी? हमारी तो जाने दो। जीवन का अंतिम समय है। जो होना था वह हो गया। गिरी ने र्मी एक्शन की मांग करते हुए कहा, ये जो आतंकियों के अड्डे है न, अल फलाह यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया-मिलिया, दारुल उलूम देवबंद को बुलडोजर नहीं, बल्कि आर्मी भेजकर तोपों से उड़वाने का नेताओं पर दबाव बनाओ। वरना बचने का रास्ता नहीं निकलेगा।
यति नरसिंहानंद का विवादित बयान , ” दारुल उलूम देवबन्द , अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया को बुलडोजर से नहीं तोपों से ध्वस्त कर देना चाहिए , pic.twitter.com/BNv8NoD9Mh — Dileep Yadav । दिलीप यादव 🇮🇳 (@yadavdileepdev) November 12, 2025
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साल 1995 मेंअल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से अल-फलाह विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। यही ट्रस्ट इसका संचालन करता है। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी हैं। यूनिवर्सिटी परिसर में ही 650 बेड का एक अस्पताल है। हरियाणा सरकार ने हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत साल 2014 में अल-फलाह को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था। स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद का संबंध अल-फलाह यूनिवर्सिटी से है। डॉ. उमर मोहम्मद भी यही यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत था। माना जा रहा है कि लाल किला कार बम धमाके में डॉ. उमर मार चुका है।






