दिल्ली में बम की झूठी धमकियों के पीछे की वजह चौंकाने वाली (फोटो- सोशल मीडिया)
Delhi school bomb threat case: दिल्ली में बम की झूठी धमकियों से स्कूलों में फैली दहशत के पीछे अब एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। द्वारका स्थित सेंट थॉमस स्कूल को मिली धमकी की जांच में खुलासा हुआ कि ईमेल भेजने वाला कोई आतंकी नहीं, बल्कि एक महज 12 साल का बच्चा था। उसने स्कूल में छुट्टी करवाने के लिए बम की झूठी धमकी भेजी थी। दिल्ली पुलिस ने बच्चे की पहचान कर उसे परामर्श के बाद परिवार को सौंप दिया है। घटना ने साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डीसीपी द्वारका अंकित सिंह ने बताया कि 15 जुलाई की सुबह सेंट थॉमस स्कूल में बम की धमकी वाला ईमेल मिला था। स्कूल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को अलर्ट किया। साइबर सेल और स्पेशल स्टाफ ने जांच शुरू की और कुछ ही घंटों में मेल भेजने वाले 12 वर्षीय बच्चे का पता लगा लिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि बच्चा उस स्कूल या कॉलेज का छात्र भी नहीं है, जिसे धमकी मिली थी।
छुट्टी के लिए भेजी धमकी, पुलिस ने दी काउंसलिंग
पुलिस के अनुसार, बच्चे ने केवल स्कूल की छुट्टी करवाने के मकसद से यह ईमेल भेजा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने उसके साथ काउंसलिंग की और फिर उसे उसके माता-पिता को सौंप दिया। अधिकारी ने बताया कि बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की गई है।
लगातार तीसरे दिन बम की धमकियां, पांच स्कूल प्रभावित
16 जुलाई को दिल्ली के पांच प्रतिष्ठित स्कूलों को भी बम की धमकी भरे ईमेल मिले। वसंत वैली, मदर इंटरनेशनल, रिचमंड ग्लोबल, स्टेफन्स कॉलेज और सेंट थॉमस स्कूल में सुरक्षा जांच के लिए स्कूल खाली कराए गए। हालांकि सभी धमकियां झूठी निकलीं। पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच से लग रहा है कि बच्चों की शरारत के तहत यह मेल भेजे जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने पैरेंट्स और स्कूल प्रशासन से घबराने के बजाय संयम बरतने की अपील की है।
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बता दें कि मामले पुलिस के द्वारा बच्चे की काउंसलिंग करके उसे परिजनों को सौंप दिया है, फिलहाल पुलिस प्रशासन के द्वारा सचेत किया गया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।