
दिल्ली नगर निगम उपचुनाव की मतगणना।
MCD By Election Result: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 वार्डों के उपचुनावों की मतगणना आज कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गई है। मतगणना में 51 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला होगा। इनका सियासी भाग्य 30 नवंबर को ईवीएम में बंद हुआ था। राज्य चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के लिए 10 केंद्र बनाए हैं। सुबह 8 बजे से वोट काउंटिंग शुरू है। दोपहर तक नतीजे घोषित होने की संभावना है। एसईसी ने कहा है कि पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए सभी मतगणना केंद्रों को उपयुक्त बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और निगरानी तंत्र से सुसज्जित किया गया है।
30 नवंबर को एमसीडी के 12 वार्डों में उपचुनाव हुए थे। ये सीट ग्रेटर कैलाश, चांदनी चौक, शालीमार बाग बी, अशोक विहार, संगम विहार ए, चांदनी महल, डिचाओं कलां, नारैना, दक्षिण पुरी, मुंडका, विनोद नगर और द्वारका बी हैं। इन सीटों के लिए 51 उम्मीदवारों में 26 महिलाओं ने किस्मत आजमाई है। इस चुनाव के परिणाम से भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की इलाकों में पकड़ पता चलेगी।
आयोग ने कहा है कि कमीशन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), सामान्य पर्यवेक्षकों, रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतगणना की व्यवस्था पारदर्शिता और कुशलता के उच्चतम मानकों का पालन हो। एसईसी ने कहा कि कंझावला, पीतमपुरा, भारत नगर, सिविल लाइंस, राउज एवेन्यू, द्वारका, नजफगढ़, गोल मार्केट, पुष्प विहार, मंडावली में 10 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। प्रत्येक केंद्र विशिष्ट वार्डों की मतगणना करेगा, जिसमें स्ट्रांग रूम की सुविधा और सुरक्षित प्रवेश-निकास प्रोटोकॉल होंगे।
इन उपचुनावों को विश्लेषकों की ओर से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली भाजपा की दिल्ली सरकार के प्रदर्शन पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा। इससे नगर निगम सदन में पार्टी की स्थिति में काफी बदलाव आ सकता है। दिसंबर 2022 में निगम चुनाव 250 सीटों पर हुए थे। पार्टी की स्थिति में कई बदलावों के बाद मौजूदा एमसीडी सदन में भाजपा के 115 पार्षद हैं। भाजपा उपचुनावों में 12-0 से जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इससे वह 250 सदस्यीय नगर निगम सदन में 125 के पूर्ण बहुमत के आंकड़े तक पहुंच जाएगी।
यह भी पढ़ें: रेखा गुप्ता की Z सिक्योरिटी वापस, अब दिल्ली पुलिस के हाथ में मुख्यमंत्री की सुरक्षा
उपचुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी (आप) के लिए भी बहुत जरूरी हैं। अभी उसके 99 पार्षद हैं। पार्टी इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता सौंपने के बाद शहर की राजनीति में खोई हुई जमीन वापस पाना चाहती है।






