दिल्ली प्रदूषण (फोटो सोर्स - मीडिया गैलरी)
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में आने के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को अपने कर्मचारियों ऑफिस टाइमिंग में बदलाव किया है।हालांकि, कई दिनों के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से कम दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक गुरुवार को 371 दर्ज किया गया, जो बुधवार को 419 था। हालांकि, दिल्ली अब भी देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। जबकि, इस लिस्ट में पहले स्थान पर बिहार का हाजीपुर है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 403 दर्ज किया गया।
वहीं, सोमवार और मंगलवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया, और यह 450 से अधिक दर्ज किया गया। खराब हवा के मामले में बुधवार को दिल्ली देश में तीसरे स्थान पर थी जबकि गुरुवार को यह दूसरे स्थान पर पहुंच गई। इस बीच केंद्र ने अपने कर्मचारियों के लिए कार्य के अलग-अलग समय की घोषणा की है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कर्मचारियों को वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए एक वाहन में अकेले नहीं चलने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
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मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कार्यालयों में सुबह नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक या सुबह 10 बजे से शाम साढ़े छह बजे तक काम किया जाएगा। आदेश में आगे कहा गया है कि इन उपायों को मंत्रालयों, विभागों और संगठनों द्वारा आवश्यकताओं के आधार पर लागू किया जा सकता है ताकि इससे दक्षता और उत्पादकता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। सीपीसीबी के 24 घंटों के आंकड़ों के अनुसार बिहार के हाजीपुर में गुरुवार को देश में सबसे अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया। इसके अनुसार हाजीपुर का सूचकांक 403 दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी में आता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की हर घंटे की जानकारी देने वाले समीर ऐप के अनुसार, दिल्ली के 35 निगरानी केंद्रों में से छह ने 400 से अधिक एक्यूआई के साथ गंभीर वायु गुणवत्ता की सूचना दी, जबकि 28 स्टेशन में एक्यूआई 300 से अधिक बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। आंकड़ों के अनुसार शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब, 401-450 को गंभीर और 450 से ऊपर को बेहद गंभीर माना जाता है।
सीपीसीबी के गुरुवार की शाम पांच बजे के आंकड़ों में पीएम 2.5 का स्तर 168 दर्ज किया गया और ये प्राथमिक प्रदूषक है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र के निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण के लिए वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को 16 प्रतिशत जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पराली जलाए जाने की प्रदूषण में 17.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। खेतों में आग लगाना प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत बना हुआ है। पंजाब में गुरुवार को पराली जलाने की 192 घटना दर्ज की गईं, हरियाणा में 10 और उत्तर प्रदेश में 165 घटनाएं सामने आईं।