एमसीडी फोटो ( सोर्सः सोशल मीडिया )
नई दिल्ली: भाजपा उम्मीदवार राजा इकबाल शुक्रवार को दिल्ली के नए महापौर चुने गए। इसके साथ ही भाजपा दो साल बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में सत्ता में लौट आयी। इकबाल ने कांग्रेस उम्मीदवार मंदीप सिंह को हराया। आम आदमी पार्टी (आप) ने महापौर चुनाव का बहिष्कार किया। राजा इकबाल एमसीडी में विपक्ष के नेता थे और वह विगत में उत्तरी एमसीडी के महापौर रह चुके हैं।
बीजेपी दो साल बाद एक बार फिर एससीडी पर कब्जा जमाने में कामयाब रही। भाजपा ने राजा इकबाल सिंह को मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया था। चुनाव जीतने से पहले उन्होंने कहा कि दिल्लीवालों ने उनकी पार्टी को शहर की समस्याओं को ठीक करने की जिम्मेदारी सौंपी है। सिंह ने आगे कहा कि महापौर चुने जाने के बाद स्थायी समितियों के चुनाव तुरंत कराए जाएंगे।
51 वर्षीय राजा इकबाल सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज से बीएससी और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एलएलबी की है। वो मूल रूप से शिरोमणी अकाली दल के नेता थे और सितंबर 2020 में अकाली दल से भाजपा में शामिल हुए। अकाली दल ने केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए से समर्थन वापस लिया था, जिसके बाद सिंह ने पार्टी के निर्देशों का पालन करने से इनकार करते हुए बीजेपी में चले गए।
इकबाल 2021 में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके हैं। 2020 तक वो उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइंस जोन के प्रमुख थे। अब तक वह एमसीडी में विपक्ष के नेता थे। सिंह दिल्ली के जीटीबी नगर और मुखर्जी नगर से पार्षद रह चुके हैं।
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एमसीडी में फिलहाल 238 पार्षद हैं और 11 सीट दिल्ली विधानसभा तथा एक सीट लोकसभा के लिए पार्षदों के निर्वाचित होने के कारण खाली हुई हैं। बीजेपी के पास कुल 250 में से अब 117 पार्षद हैं, जो 2022 में 104 थे। वहीं आम आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या 134 से घटकर 113 हो गई है। कांग्रेस के पास सिर्फ आठ सीट हैं।