प्रतीकात्मक तस्वीर (डिजाइन)
जयपुर: राजस्थान के ब्यावर से ‘अजमेर 1992’ जैसा कांड सामने आया है। यहां भी नाबालिग बच्चियों के साथ लगभग उसी तरह की घटना दोहराई गई, जैसा कि साल 1992 में अजमेर में देखने को मिला थी। हालांकि वह घटना इससे कहीं ज्यादा बड़ी और वीभत्स थी।
जी हां, राजस्थान में एक बड़ा कांड सामने आया है। नाबालिग लड़कियों को जाल में फंसाकर उनका यौन शोषण किया जा रहा था। इन मासूम लड़कियों से दुष्कर्म करने के बाद उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। यहां तक कि उन पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव भी बनाया जा रहा था।
इन हरकतों से परेशान होकर लड़कियों ने अपना धैर्य खो दिया और अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी। मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद 7 मुस्लिम लड़कों को गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पांच नाबालिग लड़कियों के परिजनों ने बिजय नगर थाने में यौन शोषण, दुष्कर्म, पीछा करने और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत की। इसके बाद 10 मुस्लिम लड़कों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं।
डीएसपी सज्जन सिंह ने बताया कि पांच नाबालिग लड़कियों ने शिकायत की है कि कुछ लोगों ने उन्हें चाइनीज मोबाइल दिए और उनका यौन शोषण किया। इस संबंध में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं और लड़कियों के बयान दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों से संपर्क किया था। इसके बाद उन्होंने उन्हें बात करने के लिए चीनी मोबाइल फोन दिए।
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नाबालिग लड़कियों ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है और उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एफआईआर में नामजद सात आरोपियों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच भी लंबित है।
साल 1992 में राजस्थान के अजमेर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया था। तब हाईप्रोफाइल लोगों द्वारा 100 से ज्यादा नाबालिग स्कूली लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर उनका रेप किया और उन्हें ब्लैकमेल किया। इस मामले में पिछले साल 8 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।