तहरीक-ए-हुर्रियत का दफ्तर कुर्क (सौ. सोशल मीडिया)
Strict Action Against Tehreek-e-Hurriyat: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क और अलगाववादी संगठनों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत के मुख्यालय को कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) की धारा 25 के तहत की गई है।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने हैदरपोरा के रहमताबाद इलाके में स्थित तहरीक-ए-हुर्रियत के मुख्यालय पर कार्रवाई की है। कुर्क की गई संपत्ति में 1 कनाल 1 मरला जमीन पर स्थित 3 मंजिला इमारत शामिल है। इस इमारत में तहरीक-ए-हुर्रियत का कार्यालय बनाया गया था। यह कार्रवाई बडगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए के तहत दर्ज एफआईआर के तहत की गई है।
बडगाम पुलिस का कहना है कि, यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीतियों के आधार पर की गई है। पुलिस ने सख्त लहजे में इस बात पर जोर दिया कि अलगाववाद और आतंकवाद फैलाने वाली ताकतों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना गिलानी ने अपने मूल संगठन जमात-ए-इस्लामी से अलग होने के बाद की थी। 2023 में केंद्र ने इसे गैरकानूनी संगठन घोषित कर प्रतिबंधित कर दिया था। संगठन का मुख्यालय श्रीनगर के हैदरपुरा के रहमताबाद स्थित गिलानी के आवास परिसर में स्थित था।
गिलानी और मोहम्मद अशरफ सेहराई की मौत 2022 में जम्मू की एक जेल में हो गई थी। दोनों की मौत और 2023 में संगठन पर प्रतिबंध लगने के बाद, यह अलगाववादी संगठन लगभग निष्क्रिय हो गया था। पूर्व निर्वाचित विधायक गिलानी (92) अपने निधन के समय एक दशक से भी अधिक समय से नजरबंद थे। पुलिस ने कहा, ‘एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर और सक्षम प्राधिकारी से उचित अनुमोदन प्राप्त करके, कानूनी प्रावधानों के अनुसार संपत्ति कुर्क की गई।’
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इस कार्रवाई से सुरक्षा एजेंसियों ने साफ संकेत दिया है कि आतंक और अलगाववादी नेटवर्क को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। तहरीक-ए-हुर्रियत का मुख्यालय कुर्क होने से घाटी में सक्रिय आतंक समर्थक संगठनों को बड़ा झटका माना जा रहा है।