अगस्त महीने से की जा रही थी बाबा सिद्दीकी की हत्या की तैयारी
नई दिल्ली : मुबंई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। पुलिस की ओर से हत्या के मामले में जांच की जा रही है। अब जांच में एक नया खुलासा हुआ है। खुफिया सूत्रों के अनुसार बाबा सिद्दीकी की मौत की तैयारियां अगस्त महीने में ही शुरु हो गई थी। लॉरेंस- गोल्डी बररार के कहने पर मोहम्मद जीशान अख्तर उर्फ जेस्सी को नेता की हत्या के आदेश दिए गए थे।
दिल्ली पुलिस की स्पशेल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार जीशान अख्तर कैथल जेल से कपूरथला गया। यहां से फिर पटियाला जेल गया था। पटियाला जेल से उसे जून महीने में जमानत मिल गई थी। इसके बाद अगस्त महीने में ये घर से गायब हो गया। इस दौरान उसने अपने साथियों के साथ एनसीपी नेता व अन्य लोगों के घर व कार्यालयों की रेकी की। वह शूटरों के साथ एनसीपी नेता की हत्या के लिए शूटरों के साथ गया था। गुरमेल सिंह उसका खास साथी है। गुरमेल अख्तर के बिना कोई कदम नहीं उठाता है।
जीशान के साथी 6 राज्यों में मौजूद
स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार जीशन अख्तर के छह राज्यों यूपी, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब व हरियाणा में साथी हैं। इनमें कई शातिर शॉर्प शूटर हैं। वह महराष्ट्र के सौरभ महाकाल(इस समय जेल में),राजस्थान के संदीप, अनिल शिवरान, दिनेश चौधरी, राहुल मीणा, विजय कोलड़, राजस्थान के जोधपुर के मनिक जाट, रोहित बिलाड, राठौर, उना, हिमाचल प्रदेश के अरुण कुमार व सुमित जयसवाल के संपर्क में ज्यादा रहता है।
इसके अपराधी साथियों के संख्या 25 से ज्यादा बताई जा रही है। जीशान अख्तर .32 बोर व .30 बोर की पिस्टलों के इस्तेमाल करता है। उसे हथियार उना हिमाचल प्रदेश निवासी अरुण कुमार, कपूरथला, पंजाब निवासी अन्नू उर्फ पहलवान, हनुगढ़, राजस्थान निवासी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बरार और मोहाली, पंजाब निवासी आकाशदीप सिंह पन्नू उर्फ पन्नू बदाला उपलब्ध करते थे। आरोपी चोरी की ब्रेजा कार व मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करता है। हालांकि वह ज्यादातर सार्वजनिक परिवहन सेवा और ट्रेन में जाना सुरक्षित समझता है।