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Major Action By Enforcement Directorate: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के सरगना दिनेश गोप और 19 अन्य लोगों व संस्थाओं के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत रांची के विशेष पीएमएलए कोर्ट में पूरक अभियोजन शिकायत दर्ज कराई है।
यह कार्रवाई आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है, जिसमें पीएलएफआई ने जबरन वसूली और लेवी के जरिए करीब 20 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की। ईडी की जांच में अब तक 3.36 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है।
ईडी ने झारखंड पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एफआईआर और आरोप पत्रों के आधार पर जांच शुरू की थी। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों जैसे संगठित अपराध शामिल हैं। जांच में खुलासा हुआ कि दिनेश गोप ने झारखंड और पड़ोसी राज्यों में ठेकेदारों, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से हिंसा, आगजनी और धमकियों के जरिए उगाही की। इस अवैध धन को जटिल तरीकों से वैध दिखाने की कोशिश की गई।
दिनेश गोप ने अपनी पत्नियों, शकुंतला कुमारी और हीरा देवी के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाईं, जिनका कोई वैध कारोबार नहीं था। इनके जरिए कैश को बैंक खातों में जमा किया जाता था। फिर हवाला, स्थानीय धन हस्तांतरण और तीसरे पक्ष के कारोबार के माध्यम से इस धन को कई स्तरों पर बांटा जाता था, ताकि इसका आपराधिक स्रोत छिपाया जा सके। इस धन से लग्जरी वाहन, सावधि जमा और अन्य संपत्तियां खरीदी गईं। इसका उपयोग परिवार के निजी खर्चों के लिए भी हुआ।
ईडी ने पहले पीएलएफआई के सहयोगी निवेश कुमार के खिलाफ 4 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए शिकायत दर्ज की थी, जिसमें हथियार खरीदने के लिए दिनेश गोप से मिले 2 करोड़ रुपये शामिल थे।
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दिनेश गोप को 20 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया गया था। नई शिकायत में ईडी ने सभी 21 आरोपियों पर मुकदमा चलाने और कैश, बैंक बैलेंस व वाहनों सहित 20 करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है। जांच अभी जारी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)