घूसखोर API ने सेंटलमेंट के लिए मांगे 2 लाख। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: एक व्यक्ति के विरुद्ध की ठगी से जुड़े मामले की जांच कर रहा कोराडी थाने में कार्यरत सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) खुद घूसखोरी के आरोप में फंस गया है। बिना कोई कार्रवाई सेटलमेंट कर लेने के लिए घूसखोर सहायक पुलिस निरीक्षक प्रेमानंद दादाराव कात्रे (43) ने फरियादी से 2 लाख की रिश्वत की मांग की थी। एपीआई कात्रे शिकायतकर्ता को इस मामले में फंसाने की धमकी दे रहा था।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को शिकायत की। इसके बाद एसीबी ने जाल बिछाकर घूसखोर एपीआई को 2 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों धरदबोचा। 42 वर्षीय शिकायतकर्ता के खिलाफ रिश्तेदारों ने कामठी के मौजा कवठा में संयुक्त स्वामित्व वाले खेत को धोखाधड़ी से बेच देने की शिकायत दर्ज कराई थी।
इस शिकायत की प्रारंभिक जांच कात्रे को सौंपी गई। कात्रे ने शिकायतकर्ता को पूछताछ के लिए कोराडी पुलिस स्टेशन बुलाया। कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की। कात्रे ने शिकायतकर्ता को कोई कानूनी कार्रवाई किए बिना मामले को निपटाने के लिए 2 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की।
इसके बाद मंगलवार को शिकायतकर्ता ने एसीबी कार्यालय पहुंचकर कात्रे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अधीक्षक दिगंबर प्रधान और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय पुरंदरे के मार्गदर्शन में पर्यवेक्षण अधिकारी उपाधीक्षक रोशन यादव ने शिकायत की जांच के लिए एक टीम को भेजा।
कात्रे ने पंचों के समक्ष शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद एसीबी की पुलिस निरीक्षक प्रीति शेंडे, नीलेश उरकुडे, पोहवा भागवत वानखेड़े, भरत ठाकुर, पोशी हेमराज गजरे, दीपाली भगत, विजय सोलंके की टीम ने कात्रे को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
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कात्रे ने थाने में ही शिकायतकर्ता से दो लाख रुपये ले लिए। इसी बीच घात लगाकर बैठी टीम ने कात्रे को रंगे हाथों पकड़ लिया। तलाशी के दौरान कात्रे के पास रिश्वत की रकम के साथ 300 रुपये बरामद हुए। कात्रे के खिलाफ उनके ही पुलिस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
कात्रे कोराडी इलाके में किराए के कमरे में अकेले रहता है। एसीबी टीम ने उनके घर की भी तलाशी ली लेकिन कुछ नहीं मिला। एसीबी ने जांच के लिए कात्रे का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है।