...तो मेरी अस्थियां गटर में बहा देना! अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में और क्या क्या लिखा था
नई दिल्ली: बेंगलुरु में निजी कंपनी के 34 वर्षीय AI इंजीनियर अतुल सुभाष के 24 पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर जान देने के मामले की शुरुआत 2022 में हुई थी। जानकारी के अनुसार, मधारेटोला निवासी निकिता सिंघानिया ने वर्ष 2022 में पति अतुल के खिलाफ सदर कोतवाली में उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। पुलिस से होते हुए यह मामला न्यायालय तक पहुंच गया। न्याय मिलने में देरी और झूठे मुकदमों में फंसाए जाने से आहत अतुल ने मंगलवार को बेंगलुरु में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
अतुल ने अपने सुसाइड नोट में इतना तक लिख दिया था अगर उनके आरोपियों को कोर्ट से बरी किया जाता है तो उनकी अस़्थियों को गटर में बहा देना।
अतुल ने सुसाइड नोट में जौनपुर के फैमिली कोर्ट की एक सुनवाई का भी जिक्र किया है। इसमें पत्नी के ताने, उसका आत्महत्या के लिए उकसाना तथा जज की तरफ से रुपये मांगने का जिक्र किया गया है। अतुल ने लिखा कि वो कोर्ट की तारीखों और भ्रष्टाचार से तंग आ गए थे, तो उन्होंने आत्महत्या का रास्ता चुना।
17 मई 2021 को उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया तब से वह अपने बच्चे के साथ मायके में रह रही है। अतुल आप्टम ग्लोबल साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड बंगलुरु में एक कंपनी में इंजीनियर रहा। निकिता ने अपने और बेटे के लिए दो लाख रुपये भरण पोषण की मांग की। जबकि वह खुद जाब करके 78,245 रुपये वेतन पाती थी।
अदालत ने 29 जुलाई 2024 को पत्नी के संबंध में प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया तथा विपक्षी पति अतुल को आदेश दिया कि वो बच्चे को 40 हजार रुपये प्रतिमाह उसके वयस्क होने तक भरण पोषण दे। इसके अलावा दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में भी अतुल ने अदालत से जमानत कराया था। घरेलू हिंसा का भी मुकदमा चल रहा है। इस बीच अतुल ने आत्महत्या कर लिया।