कॉमनवेल्थ गेम्स (फोटो-सोशल मीडिया)
Commonwealth Games 2030 in Ahmedabad: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 2030 में भारत में राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स) की मेजबानी करने की मंजूरी दे दी है। अहमदाबाद को इसके लिए सबसे उपयुक्त शहर माना गया है क्योंकि यहां दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम नरेंद्र मोदी स्टेडियम सहित आधुनिक खेल सुविधाएं मौजूद हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी इस प्रस्ताव को समर्थन दिया है। भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए आवेदन पत्र जमा कर दिया है, और इसकी आखिरी तारीख 31 अगस्त है। आईओए इसे अगले दो दिन में पूरा कर सकता है। राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए निर्णय ग्लास्गो में नवंबर के आखिरी सप्ताह में होगा। कनाडा ने वित्तीय कारणों से पीछे हटने के बाद भारत के जीतने की संभावना बढ़ गई है।
सरकार ने गुजरात सरकार को भी आवश्यक सहायता देने की मंजूरी दी है ताकि मेजबानी के लिए जरूरी तैयारी की जा सके। अहमदाबाद में स्टेडियम, अभ्यास की सुविधाएं और खेल संस्कृति होने के कारण यह शहर आदर्श मेजबान माना जा रहा है। भारत ने 2036 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी की इच्छा भी जताई है और इसके लिए भी अहमदाबाद तैयार किया जा रहा है।
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राष्ट्रमंडल खेलों में लगभग 72 देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। इस आयोजन से स्थानीय व्यवसायों को फायदा होगा और कई क्षेत्रों जैसे खेल विज्ञान, आयोजन प्रबंधन, मीडिया, आईटी और संचार में काम करने वालों को भी मौके मिलेंगे। सरकार का मानना है कि इस तरह के बड़े आयोजन से देश का गर्व बढ़ेगा, नई पीढ़ी को खेलों में करियर बनाने की प्रेरणा मिलेगी और खेलों में भागीदारी बढ़ेगी।
राष्ट्रमंडल खेल 2026 ग्लास्गो में होंगे जिसमें कुश्ती, निशानेबाजी, बैडमिंटन और हॉकी जैसे खेल नहीं है। ग्लास्गो सारे खेल करीब 12 किलोमीटर के दायरे में कराना चाहता है और उसने बजट 1300 करोड़ रूपये के करीब ही रखा है। आईओए ने साफ तौर पर कहा है कि अगर भारत को 2030 खेलों की मेजबानी मिलती है तो ये सभी खेल उसमें शामिल होंगे। भारत ने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी पर 70000 करोड़ रूपये खर्च किये थे जबकि बजट केवल 1600 करोड़ रूपये का था।