छत्तीसगढ़: गरियाबंद मुठभेड़
बीजापुर:छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में आज 12 फरवरी यानी रविवार की सुबह सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। पुलिस ने इस बाबत बताया कि सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल रोधी अभियान पर निकली थी तभी मद्देड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक जंगल में मुठभेड़ शुरू हुई। वहीं इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड, विशेष कार्य बल और जिला बल के जवान शामिल हैं। जानकारी मिलने तक रुक-रुक कर गोलीबारी अब भी जारी है। खबर है कि, मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए हैं।
जानकारी दें कि, बीते सोमवार 6 जनवरी को बीजापुर के ही नक्सलियों ने एक वाहन को बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उड़ा दिया था, जिसमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान और एक चालक की मौत हो गई थी। पिछले दो वर्षों में राज्य में सुरक्षा बलों पर माओवादियों का यह सबसे बड़ा हमला था। यहां के कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गांव के पास दोपहर करीब 2।15 बजे नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एक वाहन को उड़ा दिया था। यह घटना तब हुई थी जब दंतेवाड़ा जिले के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान नक्सल विरोधी अभियान के बाद अपनी एसयूवी कार से लौट रहे थे।
#UPDATE | The bodies of 3 Naxalites have been recovered. Naxalite material including weapons, explosives and automatic weapons have been recovered from the encounter site. The Naxalites are being identified. Search operation is ongoing: Bijapur Police https://t.co/rzQE8zuJ6w
— ANI (@ANI) January 12, 2025
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जानकारी दें कि,डीआरजी राज्य पुलिस की एक इकाई है और इसमें ज्यादातर स्थानीय आदिवासियों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भर्ती किया जाता है। ये डीआरजी जवान नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमाओं पर सुरक्षा कर्मियों की संयुक्त टीमों द्वारा तीन दिनों तक चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान में शामिल थे। उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चले अभियान में पांच नक्सली मारे गए और डीआरजी का एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गया। अभियान के बाद दंतेवाड़ा से डीआरजी के जवान अपने बेस पर लौट रहे थे, तभी कुटरू इलाके में यह हमला हुआ। जिस इलाके में विस्फोट हुआ वह राजधानी रायपुर से करीब 400 किलोमीटर दूर है।
इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा था कि, बस्तर क्षेत्र में जारी नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली हताश हैं और इसलिए इस तरह की कायरतापूर्ण हरकत कर रहे हैं। जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
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जानकारी दें कि, छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में दंतेवाड़ा सहित सात जिलों में सुरक्षा बलों पर पहले भी बारूदी सुरंग का इस्तेमाल कर कई हमले हो चुके हैं। इसमें पिछली बड़ी घटना में 26 अप्रैल, 2023 को हुई थी जब पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे काफिले में शामिल वाहन को नक्सलियों ने उड़ा दिया था जिसमें 10 पुलिस कर्मियों और एक चालक की भी मौत हो गई थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)