सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 20,182 शिक्षकों के स्वैच्छिक तबादले किए गए हैं। 33,484 शिक्षक व शिक्षिकाओं ने ऑनलाइन मोड में तबादले के लिए आवेदन किया था। बीएसए सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने स्थानांतरित शिक्षकों को तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षिकाओं को जिले के अंदर स्वैच्छिक तबादला किया गया है। इस ट्रांसफर में जिन शिक्षक-शिक्षिकाओं ने विकल्प के तौर पर कई स्कूलों को नाम दिया था उन्हें प्राथमिकता दी गई है। जिन्होंने विकल्प में तीन या उससे कम स्कूलों को रखा था उनका ट्रांसफर नहीं हो पाया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (बीएसए) को स्थानांतरित शिक्षक व शिक्षिकाओं को तत्काल कार्यमुक्त करने के सख्त निर्देश दिए हैं। इससे वे स्थानांतरित विद्यालय में समय से अपना कार्यभार संभाल सकेंगे और शिक्षण कार्य सुचारू रूप से संचालित कर सकेंगे। ऐसे में यह भी सुनिश्चित करना होगा कि तबादलों के कारण बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार का नुकसान या देरी न हो।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिक बच्चों व कम शिक्षकों वाले विद्यालयों में स्वैच्छिक रूप से स्थानांतरित करने के लिए अधिक शिक्षकों वाले विद्यालयों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। ऑनलाइन आवेदन पत्रों की जांच के दौरान 13,302 आवेदन पत्रों में खामियां पाई गईं। इसके चलते उन आवेदन पत्रों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया।
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि स्वैच्छिक स्थानांतरण के तहत 20,182 शिक्षक व शिक्षिकाओं को स्थानांतरण पत्र जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार से प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालय खुल रहे हैं और उनमें शिक्षण कार्य शुरू हो जाएगा।
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बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव ने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि स्वैच्छिक स्थानांतरण वाले शिक्षक व शिक्षिकाओं को तत्काल कार्यमुक्त करें। इससे वे स्थानांतरित विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण कर शिक्षण कार्य शुरू कर सकेंगे। सचिव ने बताया कि जिन जिलों के बीएसए स्थानांतरित शिक्षकों को कार्यमुक्त करने में अनियमितता या लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ शासन स्तर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।