Career Tips: फैशन डिजाइन से लेकर स्थिरता तक, कपड़ा उद्योग में मौका ही मौका
नवभारत डेस्क: टेक्सटाइल की दुनिया कताई मिलों और फैशन डिजाइनरों की जानी-पहचानी छवियों से कहीं आगे तक फैली हुई है। हाल के वर्षों में, कम-ज्ञात नौकरी के अवसरों की एक श्रृंखला उभरी है, जो रोमांचक और संतुष्टिदायक करिअर पथ प्रदान करती है। रंग-मिलान विशेषज्ञों से लेकर कपड़ा संरक्षणकर्ताओं तक कपड़ा उद्योग अद्वितीय व्यवसायों का खजाना है, जिन्हें बस तलाशने की जरूरत है। लेकिन, इसके लिए सही योग्यता और कौशल प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
टेक्सटाइल उद्योग में कताई, बुनाई, रंगाई और कढाई जैसे उत्पादों और प्रक्रियाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। इसमें नौकरियां विनिर्माण और गैर-विनिर्माण, दोनों क्षेत्रों में हो सकती हैं। ऐसे में इसमें करिअर बनाने के लिए आप डिप्लोमा और सर्टिफिकेट से लेकर डिग्री तक के कोर्स कर सकते हैं।
■ डिप्लोमा कोर्स – वस्त्र प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा, हथकरघा प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा और फैशन डिजाइन में डिप्लोमा।
■ स्नातक डिग्री – वस्त्र और परिधान डिजाइन में बीएससी, वस्त्र प्रौद्योगिकी में बीटेक, फैशन डिजाइन में स्नातक (निफ्ट, पर्ल अकादमी, आदि), टेक्सटाइल डिजाइन में बैचलर ऑफ डिजाइन (बीडेस), फैशन टेक्नोलॉजी में बैचलर (बीएफटेक), फैशन डिजाइन में बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए)।
■ स्नातकोत्तर डिग्री – वस्त्र प्रौद्योगिकी या तकनीकी वस्त्र में एमटेक, फैशन प्रबंधन में एमबीए (निफ्ट और आईआईएफटी द्वारा प्रदान किया जाता है)।
■ सर्टिफिकेशन – टिकाऊ वस्त्र, वस्त्र डिजाइन के लिए सीएडी या वस्त्र बिक्री में सर्टिफिकेशन।
■ राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) nift.ac.in
■ आईआईटी, दिल्ली से वस्त्र प्रौद्योगिकी कार्यक्रम home.iitd.ac.in
■ आईआईटी कानपुर से वस्त्र प्रौद्योगिकी कार्यक्रम iitk.ac.in
■ केंद्रीय रेशम बोर्ड (रेशम पालन प्रशिक्षण के लिए) csb.gov.in
■ सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र और प्रबंधन विद्यालय (कोयंबटूर) svpistm.ac.in
ऐसे कौशल विकसित करें, जो उद्योग की मांगों के अनुरूप हों। इस क्षेत्र में तकनीकी कौशल के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स भी बेहद मायने रखते हैं। आप बुनाई, रंगाई, छपाई व कपड़े की फिनिशिंग का ज्ञान, टेक्सटाइल मशीनरी तथा कैड सॉफ्टवेयर से परिचित होना और फाइबर, यार्न के आलावा संधारणीय प्रथाओं को समझकर तकनीकी कौशल विकसित कर सकते हैं। सॉफ्ट स्किल्स के तहत रचनात्मकता, नवाचार, बेहतर संचार व बातचीत कौशल तथा समस्या समाधान और विस्तार पर ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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■ टेक्सटाइल डिजाइनर – परिधान और घरेलू साज-सज्जा के लिए कपड़े के पैटर्न, प्रिंट और रंग बनाएं।
■ फैशन डिजाइनर – कपड़ों की लाइनें, एक्सेसरीज और जूते डिजाइन करें।
■ टेक्सटाइल इंजीनियर – फाइबर उत्पादन से लेकर तैयार माल तक कपड़ा निर्माण प्रक्रियाओं को विकसित और बेहतर बनाएं।
■ मर्चेंडाइजर – कपड़ा उत्पादों के उत्पादन और वितरण की योजना बनाएं और उसका प्रबंधन करें।
■ गुणवत्ता नियंत्रण विशेषज्ञ – सुनिश्चित करें कि कपड़ा उत्पाद गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं।
■ स्थिरता विशेषज्ञ – पर्यावरण और सामाजिक रूप से जिम्मेदार कपड़ा उत्पादन पर ध्यान दें।
■ अनुसंधान और विकास – नई सामग्रियों, प्रौद्योगिकियों और उत्पादन विधियों पर शोध करें।