NEET (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली: राष्ट्रीय कारण संसद के अंदर और बाहर काफी शिक्षा नीति में निर्धारित तीन-भाषा सूत्र के चर्चा हो रही है। यह अलग बात है कि एक विश्लेषण से पता चला है कि मेडिकल परीक्षा में प्रवेश के मामले में भारतीय भाषाएं अधिक प्रमुख हो गई हैं। 2024 में जब 24.1 लाख से अधिक छात्रों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा दी, तो अंग्रेजी को भाषा के रूप में चुनने वाले छात्रों का अनुपात तीन वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया. इस बार राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) 2025 का आयोजन 13 भाषाओं में करेगी।
वर्ष | हिंदी | बंगाली | गुजराती | मराठी | उड़िया | तामिल |
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2019 | 1,79,857 | 4,750 | 59,395 | 31,239 | 31,490 | 1,017 |
2020 | 2,04,399 | 36,593 | 59,055 | 6,258 | 822 | 17,101 |
2021 | 2,28,641 | 35,110 | 49,942 | 2,913 | 1,016 | 19,868 |
2022 | 2,58,827 | 42,663 | 49,638 | 2,368 | 2,76,180 | 43,890 |
2023 | 53,027 | 1,833 | 988 | 30,536 | 3,57,908 | 48,265 |
2024 | 58,836 | 1,759 | 1,312 | 36,333 | 822 | 31,965 |
यह परीक्षा 4 मई को पूरे भारत में केंद्रों और विदेशों में चुनिंदा स्थानों पर ऑफलाइन आयोजित की जाएगी. उम्मीदवार अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु या उर्दू में से कोई भी चुन सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया के दौरान एक बार चुने जाने के बाद भाषा वरीयता को बदला नहीं जा सकता है. निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, अनुवाद संबंधी विसंगतियों के मामले में अंग्रेजी संस्करण को अंतिम माना जाएगा.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि तमिल और बंगाली जैसी कुछ अन्य स्थानीय भाषाओं ने समय के साथ अपनी पकड़ मजबूत की है। पिछले पांच सालों में मेडिकल प्रवेश परीक्षा या राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. हालांकि अंग्रेजी प्रमुख विकल्प बनी हुई है, लेकिन 2019 में इसका हिस्सा 79.3% से गिरकर 2024 में 78.6% हो गया, जो पिछले तीन सालों में सबसे कम है।
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फिर भी लगभग 80% उम्मीदवार अभी भी अंग्रेज़ी को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन क्षेत्रीय प्राथमिकताएं अलग-अलग हैं. गुजराती में मामूली गिरावट देखी गई और यह 59,395 (2019) से घटकर 58,836 (2024) हो गई, जबकि ओडिया पंजीकरण 31,490 से घटकर 1,312 और उर्दू में 1,858 से घटकर 1,545 हो गया. मराठी भाषा के पंजीकरण में भी साल दर साल गिरावट आ रही है. साथ ही, नीट यूजी भारत की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी मेडिकल प्रवेश परीक्षा बनी हुई है.