प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: Grok)
नागपुर: महाराष्ट्र में 10वीं उत्तीर्ण करने के बाद पिछले डेढ़ महीने से 11वीं में प्रवेश का इंतजार कर रहे विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग से एक और झटका लगा है। विद्यार्थियों को आवंटित कॉलेजों की सूची गुरुवार को जारी होनी थी लेकिन शिक्षा विभाग की वेबसाइट में छठवीं बार तकनीकी खराबी आने से प्रक्रिया फिर रोक दी गई। इसके कारण सूची का इंतजार कर रहे विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को दिनभर काफी मायूसी झेलनी पड़ी। अब केंद्रीय प्रवेश समिति ने घोषणा की है कि यह सूची 30 जून को जारी की जाएगी।
गुरुवार को प्राप्त कॉलेजों की सूची के लिए विद्यार्थी और अभिभावक सुबह से ही तैयारी में जुटे थे। वहीं जूनियर कॉलेजों के प्राचार्य और शिक्षक भी सूची का इंतजार कर रहे थे। शिक्षा विभाग की वेबसाइट को बार-बार चेक किया जा रहा था।
नागपु जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से विद्यार्थी भी अपने अभिभावकों के साथ सूची देखने के लिए सुबह से ही नागपुर शहर में डेरा डाले हुए थे। कई कॉलेजों के कर्मचारी भी शिक्षा उपसंचालक कार्यालय में इंतजार कर रहे थे। हालांकि दिनभर कॉलेजों की सूची जारी नहीं हुई। दिनभर की परेशानी झेलने के बाद शाम 6 बजे सभी वापस चल दिए।
10वीं कक्षा का रिजल्ट 13 मई को घोषित किया गया था। घोषणा के अनुसार 11वीं कक्षा के लिए ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया 19 मई से शुरू होनी थी। पंजीकरण के बाद वास्तविक पंजीकरण 21 मई से शुरू होना था लेकिन पहले ही दिन शिक्षा विभाग की वेबसाइट क्रैश हो गई और प्रक्रिया बाधित हो गई। बाद में 26 मई से पंजीकरण फिर से शुरू किया गया।
3 जून तक की अंतिम तिथि को बाद में बढ़ाकर 5 जून और फिर 8 जून कर दिया गया। 11 और 12 जून को कॉलेज कोटे के प्रवेश लिए गए। 14 जून से सामान्य प्रवेश शुरू होने थे लेकिन शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया 10-12 दिन के लिए टाल दी।
यानी 10वीं के रिजल्ट के डेढ़ महीने बाद 11वीं में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होनी थी लेकिन अब फिर से की प्रक्रिया में देरी हो गई है। अब 30 जून को सूची जारी करने की घोषणा की गई है। तकनीकी गड़बड़ी के कारण छठवीं बार शेड्यूल बदला गया है।
प्रक्रिया शुरू होने से पहले शिक्षा संस्था संचालकों ने ऑनलाइन प्रक्रिया का विरोध किया था। सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने किसी के विरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके विपरीत ऑनलाइन प्रवेश जो पहले महानगरपालिका सीमा के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में लागू किया जा रहा था, इस साल पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है।
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सरकार ने पूर्व नियोजन नहीं किया; साथ ही तकनीकी गड़बड़ी रोकने के लिए व्यापक स्तर पर मैकेनिज्म भी तैयार नहीं किया गया। यही वजह है कि बार-बार प्रक्रिया को रोकना पड़ रहा है। इससे छात्रों के साथ ही अभिभावक भी त्रस्त हो गये हैं।