
Year Ender 2025 भारतीय उद्योगपति
Richest Indians Net Worth: साल 2025 का अंत करीब है और भारतीय कॉरपोरेट जगत के लिए यह वर्ष नई उपलब्धियों का गवाह बना है। शेयर बाजार की रिकॉर्ड तेजी और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बढ़ते निवेश ने देश के बड़े बिजनेसमैन्स की किस्मत बदल दी।
रिलायंस से लेकर अडानी ग्रुप तक, दिग्गज कंपनियों ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी धाक जमाई है। आइए जानते हैं उन भारतीय अरबपतियों के बारे में जिनके लिए यह साल सबसे ज्यादा फायदेमंद और ऐतिहासिक साबित हुआ।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के लिए 2025 किसी वरदान से कम नहीं रहा। इस साल उन्होंने अपनी कंपनी को पूरी तरह से तकनीकी और एआई (AI) आधारित बनाने पर जोर दिया, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा। रिलायंस जियो और रिटेल सेक्टर में आई मजबूती ने उनकी संपत्ति में भारी इजाफा किया।
इसके साथ ही, ओमान और अन्य खाड़ी देशों के साथ हुए नए व्यापारिक समझौतों ने उनकी ग्लोबल पहुंच को और विस्तार दिया। मुकेश अंबानी अब न केवल एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हैं, बल्कि उनकी कंपनी 2026 के लिए एक नए विजन के साथ तैयार है।
गौतम अडानी और उनके अडानी ग्रुप के लिए 2025 शानदार वापसी का साल रहा। अडानी ग्रुप ने इस साल रिन्यूएबल एनर्जी यानी हरित ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े निवेश किए। उनके बंदरगाहों (Ports) और सीमेंट कारोबार ने बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत की।
अमेरिका और यूरोप के बड़े फंड्स ने अडानी की कंपनियों में फिर से भारी निवेश किया, जिससे उनके शेयरों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में मिली नई सरकारी परियोजनाओं ने अडानी ग्रुप के वैल्यूएशन को साल के अंत तक नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
टेलीकॉम सेक्टर के दिग्गज सुनील भारती मित्तल के लिए भी 2025 काफी लकी रहा। 5G सेवाओं के विस्तार और प्रति ग्राहक औसत राजस्व (ARPU) में हुई बढ़ोतरी ने भारती एयरटेल के मुनाफे को बढ़ाया। दूसरी ओर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शिव नादर ने आईटी और सॉफ्टवेयर सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सफल एकीकरण के कारण अपनी संपत्ति में बड़ा इजाफा देखा। इन दिग्गजों ने यह साबित कर दिया कि पारंपरिक कारोबार को आधुनिक तकनीक से जोड़कर कैसे सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए जा सकते हैं।
भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल के लिए साल 2025 स्टील और पावर सेक्टर में बढ़ती मांग के कारण बेहद सफल रहा। जिंदल ग्रुप की कंपनियों ने उत्पादन के मामले में नए रिकॉर्ड बनाए। इसके साथ ही, इस साल कई युवा बिजनेसमैन्स और स्टार्टअप संस्थापकों ने भी अरबपतियों की सूची में अपनी जगह बनाई।
फिनटेक और ई-कॉमर्स क्षेत्र के नए खिलाड़ियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति दी। साल के अंत तक इन बिजनेसमैन्स की कुल संपत्ति ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मजबूती से बढ़ रहा है।
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हालांकि 2025 में दुनिया भर में कई भू-राजनीतिक चुनौतियां रहीं, लेकिन भारतीय उद्योगपतियों ने अपनी रणनीतियों से खुद को सुरक्षित रखा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार पर भरोसा जताया और घरेलू खपत बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लाभ हुआ।
सरकार की PLI स्कीम ने भी इन बिजनेसमैन्स को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद की। कुल मिलाकर, 2025 का यह साल भारतीय अमीरों के लिए न केवल धन संचय का रहा, बल्कि इसने भारतीय ब्रांड्स को विश्व स्तर पर एक नई पहचान और मजबूती प्रदान की।






