कैसे चलती है नेपाली अर्थव्यवस्था? (कॉन्सेप्ट फोटो)
Nepal Economy: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में सोशल मीडिया बैन को लेकर बवाल मचा हुआ है। नेपाल के मौजूदा स्थिति पर चर्चा कै दौरान एक बात निकलकर सामने आ रही है कि उसकी इकोनॉमी कैसे चल रही है। इसके साथ ही नेपाल में सबसे अधिक पैसे किस देश से आता है और इसमें भारत का क्या योगदान है। सबसे पहले यह जान लें कि नेपाल की अर्थव्यवस्था विदेशों से भेजे जाने वाले रेमिटेंस (अलग-अलग देशों में रह रहे नेपाल के नागरिकों द्वारा भेजी गई राशि। के सहारे चलती है। नेपाल की इकोनॉमी में रेमिटेंस का अहम भूमिका है।
वर्ल्ड बैंक की ‘माइग्रेसन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ- 2022’ रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में नेपाल में रेमिटेंस यानी की प्रवासियों द्वारा भेजे गए राशि का कुल योगदान उसके जीडीपी का लगभग 21.8 प्रतिशत रहा था। इसके अलावा, मीडिया रिपोर्ट्स में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि नेपाल की जीडीपी में रेमिटेंस की हिस्सेदारी 25-30 प्रतिशत तक हो सकती है, जो इसे साउथ एशिया में जीडीपी के अनुपात में सबसे अधिक रेमिटेंस प्राप्त करने वाला देश बनाता है।
नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) की ‘करेंट मैक्रोइकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल सिचुएशन ऑफ नेपाल’ रिपोर्ट बताता है कि फाइनेशियल ईयर 2024-25 में नेपाल को 1,723.27 अरब रुपये (1.723 ट्रिलियन नेपाली रुपये) का रेमिटेंस मिला, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 19.2 प्रतिशत अधिक है। अमेरिकी डॉलर में यह राशि 12.64 अरब डॉलर थी, जिसमें 16.3 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य अप्रैल से मध्य मई 2025 (बैशाख, 2082) में रेमिटेंस फ्लो 165.30 अरब रुपये था। वहीं, मध्य जून से मध्य जुलाई 2025 में रेमिटेंस फ्लो 189.11 अरब रुपये था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 117.78 अरब रुपये था।
नेपाल राष्ट्र बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-2021 में नेपाल में 10.86 अरब अमेरिकी डॉलर का रेमिटेंस मिला था। वर्ल्ड बैंक के अनुमान के अनुसार, 2022 में यह राशि बढ़कर 8.5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद थी, जो पिछले वर्ष (2021 में 8.2 अरब डॉलर) की तुलना में 3.6 प्रतिशत अधिक है। यह राशि नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार का लगभग 50% हिस्सा है, जो आयात और आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
नेपाल में रेमिटेंस का प्रवाह मुख्य रूप से खाड़ी देश, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, बहरीन, मलेशिया, भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और जापान से आता है। भारत में रहने वाले नेपाली समुदाय विशेष रूप से उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हैं, जो रेमिटेंस भेजते हैं। भारत के साथ खुली सीमा के कारण यह प्रवाह काफी महत्वपूर्ण है।
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नेपाल की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, रेमिटेंस, पर्यटन और हाइड्रो पावर पर निर्भर करती है। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता, औद्योगिक पिछड़ापन और ऊर्जा संकट जैसी चुनौतियों के कारण इसके विकास में बाधा आती है। भारत और चीन जैसे देशों के साथ व्यापार और वस्तुओं के आयात-निर्यात पर भी अर्थव्यवस्था निर्भर करती है।