डोनाल्ड ट्रंप ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन की (सौ. सोशल मीडिया )
Trumps Tariff Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक कार्यकारी निदेश यानी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर दिए हैं। इस ऑर्डर के अंतर्गत अमेरिका में इंपोर्ट होने वाले सामान पर नई टैरिफ दरें लागू हो गई हैं। ये टैरिफ अलग-अलग देशों के लिए 10 प्रतिशत से लेकर 41 प्रतिशत तक हैं।
ट्रंप के इस नए टैरिफ स्ट्रक्चर में भारत से अमेरिका इंपोर्ट होने वाले सामान पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाने वाला है। इसके अलावा, ताइवान से इंपोर्ट वाले सामान पर भी 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। साथ ही साउथ अफ्रीका पर भी 30 प्रतिशत की दर से टैरिफ लगाया जाने वाला है।
ट्रंप ने कनाडा को लेकर एक स्पेशल ऑर्डर जारी किया है। जिसमें कनाडा पर लगने वाले टैरिफ की दर को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत तक कर दिया गया है। 1 अगस्त से इस बढ़े हुए टैरिफ की दरें लागू होने वाली है। हालांकि इसको लेकर एक अहम बात ये है कि ट्रंप के कार्यकाल में हुए अमेरिका-मैक्सिको-कनाडा मुक्त व्यापार समझौते यानी यूएसएमसीए के अंतर्गत अमेरिका इंपोर्ट होने वाले सामान पर ये नई टैरिफ की दरें लागू नहीं होगी।
अपडेटेड लिस्ट के अनुसार, पाकिस्तान से अमेरिका इंपोर्ट होने वाले सामान पर 19 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। इसके साथ ही बांग्लादेश और वियतनाम पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। कई बाकी देश की इस टैरिफ की मार में चपेट आ सकते हैं। तुर्किये, इजराइल, कैमरुन, वेनेजुएला और चाड जैसे देशों पर अमेरिका ने 15 टैरिफ लगाया है। सबसे ज्यादा 39 प्रतिशत टैरिफ अमेरिका ने स्विट्जरलैंड पर लगाया है।
व्हाइट हाउस के द्वारा गुरुवार को जारी किए गए बयान के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्लोबल लेवल पर मिनिमम टैरिफ की दर 10 प्रतिशत टैरिफ रखने का फैसला किया है। हालांकि पहले सुझाव था कि इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत या उससे ज्यादा किया जा सकता है, लेकिन ट्रंप ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है।
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इन संसोधित टैरिफ के पीछे का कारण देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने सीक्रेट डिटेल्स और सीनियर ऑफिसर की सिफारिशों के आधार पर ये कदम उठाया है। उन्होंने 2 मुख्य कारण बताया है कि हमारे द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में रिसिप्रोसिटी की लगातार कमी और दूसरा कारण विदेशी टैरिफ और नॉन टैरिफ बाधाओं का इकोनॉमिक असर।