केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान एग्रीकल्चर सेक्टर में टेक्नोलॉजी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 11 सालों के कार्यकाल में एग्रीकल्चर सेक्टर में टेक्नोलॉजी ने तेजी से प्रोग्रेस किया है।
इसके अलावा, मोदी ने एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाने और स्टेरहोल्डर्स के बीच ज्यादा तालमेल को बढ़ावा दिया है। साथ ही एग्रीकल्चर सेक्टर में व्यापक बदलाव का आह्वान किया था। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित एनएएससी कॉम्प्लेक्स में आईसीएआर सोसायटी की 96वीं एनुअल जनरल मीटिंग को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि जमीनी स्तर पर इसकी की पूरी क्षमता का अभी भी उपयोग नहीं किया गया है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि वर्ल्ड लेवल पर उपलब्ध हर टेक्नोलॉजी अब भारत में भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा है कि अब यह बात मायने नहीं रखती कि टेक्नोलॉजी उपलब्ध है या नहीं। अब यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे कितनी तेजी से अपनाते हैं और इसे अपनी अर्थव्यवस्था में जोड़ने के लिए कैसे इसका इस्तेमाल करते हैं।
"There is an urgent need for a paradigm shift in the agriculture sector by embracing cutting-edge technology and fostering greater synergy among stakeholders. Every technology available globally is now accessible within India. From Lavender in #Bhaderwah (J&K) to off-season… pic.twitter.com/dUoGFBKRes — Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) July 7, 2025
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि पिछले 11 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एग्रीकल्चर सेक्टर में टेक्नोलॉजी ने तेजी से प्रगति की है। यद्यपि जमीनी स्तर पर इसकी पूरी क्षमता का दोहन होना अभी बाकी है। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर क्रांति जैसी सफलता की कहानियों की ओर इशारा किया, जहां लैवेंडर की खेती के इर्द-गिर्द 3,500 से ज्यादा स्टार्टअप उभरे हैं।
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डॉ. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे नए जमाने की खेती, जिसमें सैटेलाइट इमेजिंग, रिमोट-कंट्रोल ट्रैक्टर और ऑर्डर-आधारित फसल उत्पादन आदि शामिल हैं, कृषि को नया आकार दे रही है। उन्होंने कहा है कि भद्रवाह में लैवेंडर से लेकर मंदिर में चढ़ावे के लिए उगाए जाने वाले ऑफ-सीजन ट्यूलिप यानी फूल जैसे अनेक उदाहरण हमारे पास हैं, जहां विज्ञान और रणनीति ने मिलकर आय और नवाचार दोनों पैदा किए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)