विपक्ष के नेता राहुल गांधी (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : मार्केट रेग्यूलेटर सेबी ने दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेडिंग फर्म में से एक जेन स्ट्रीट पर कुछ गंभीर आरोप लगाए है। जिसमें गलत स्ट्रेटेजी के उपयोग से इंडेक्स ऑप्शंस में 43,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रॉफिट कमाने का भी आरोप है।
इन आरोपों को लेकर विपक्षी नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। राहुल गांधी ने 24 सितंबर 2024 को एक्स हैंडल पर किए अपने पुराने पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा है कि मैंने 2024 में साफ कहा था, फ्यूचर्स और ऑप्शंस बाजार ‘बड़े खिलाड़ियों’ का खेल बन चुका है और छोटे निवेशकों की जेब लगातार कट रही है। राहुल गांधी ने पोस्ट में आगे लिखा कि अब मार्केट रेग्यूलेटर खुद मान रहा है कि जेन स्ट्रीट ने हजारों करोड़ की हेरफेर की है।
मैंने 2024 में साफ कहा था – F&O बाज़ार 'बड़े खिलाड़ियों' का खेल बन चुका है, और छोटे निवेशकों की जेब लगातार कट रही है। अब SEBI खुद मान रहा है कि Jane Street ने हज़ारों करोड़ की manipulation की। SEBI इतने समय तक चुप क्यों रही? मोदी सरकार किसके इशारे पर आंखें मूंदे बैठी थी? और… https://t.co/JTvqWvyw6z — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 7, 2025
उन्होंने सेबी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सेबी इतने समय तक चुप क्यों रहा और कितने बड़े शार्क अब भी रिटेल इन्वेस्टर्स को शॉर्ट कर रहे हैं? राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए लिखा है कि मोदी सरकार अमीरों को और भी ज्यादा अमीर बना रही है और आम इंवेस्टर्स को बर्बादी की कगार पर धकेल रहे है।
अपने पिछले पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा था कि अनकंट्रोल्ड एफएंडओ ट्रेडिंग 5 सालों में 45 गुना बढ़ गई है। साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया था कि पिछले 3 सालों में 90 प्रतिशत स्मॉल इंवेस्टर्स ने 1.8 लाख करोड़ रुपए गंवाए हैं। उन्होंने सेबी को लेकर कहा था कि सेबी को बड़े खिलाड़ियों के नाम सामने लाने चाहिए, जो उनके खर्च पर खूब पैसा कमा रहे हैं।
सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट और इसकी संबंधित संस्थाओं ने बैंक निफ्टी इंडेक्स को कृत्रिम तरीके से बढ़ाने और घटाने के लिए एक इंट्रा-डे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी तैयार की। जेन स्ट्रीट मामला सामने आने के बाद नए नियमों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने सोमवार को कहा कि हमें नए रुल्स की नहीं, बल्कि ज्यादा एंफोर्समेंट और निगरानी की जरूरत है।
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पांडे ने अपने बयान में कहा है कि हेरफेर करने वाली ट्रेंड अलग-अलग प्लेयर्स द्वारा अलग-अलग तरीकों से की जा सकती हैं। इसलिए, ऐसा कोई एक स्पेशल तरीका नहीं है जिसमें आकलन करने की जरूरत है। हमारे नियमों के अनुसार पीएफयूटीपी नियमन बहुत साफ रूप से उल्लेख करते हैं कि हेरफेर और धोखाधड़ी वाली प्रथाएं को बाजार में अनुमति नहीं हैं। नियमों के अंतर्गत, सेबी के पास जांच करने और इसे लागू करने के सभी पावर हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)