
अनऑथराइज्ड Loan Apps पर सरकार और RBI सख्त, वित्त मंत्री बोलीं- नागरिकों को शोषण से बचा रहे (सोर्स- सोशल मीडिया)
Illegal Loan Apps Action: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अनऑथराइज्ड डिजिटल लोन ऐप्स के शोषण से नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में बताया कि सरकार RBI और अन्य संबंधित नियामकों के साथ मिलकर इन अवैध ऐप्स पर अंकुश लगाने के लिए काम कर रही है। इस दिशा में आईटी अधिनियम के तहत ब्लॉकिंग पावर का इस्तेमाल किया जा रहा है और ग्राहकों की सुरक्षा के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, सरकार अनऑथराइज्ड डिजिटल लोन ऐप्स पर लगातार लगाम कस रही है। इस वर्ष 1 जुलाई से RBI ने अपनी वेबसाइट पर ‘डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (DLA) निर्देशिका’ शुरू की है। इस निर्देशिका में RBI की विनियमित संस्थाओं (RE) की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले सभी DLA शामिल हैं। यह निर्देशिका ग्राहकों को यह पुष्टि करने में मदद करती है कि कोई ऐप वास्तव में किसी विनियमित संस्था से जुड़ा है या नहीं, जिससे वे फर्जी ऐप्स से बच सकें।
अवैध डिजिटल लोन ऐप्स पर कार्रवाई के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के तहत अधिकार प्राप्त है। वित्त मंत्री ने बताया कि अनऑथराइज्ड ऐप्स की पहचान होने पर, मंत्रालय को पब्लिक एक्सेस के लिए उनकी जानकारी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी करने का अधिकार है। यह कानूनी प्रावधान अवैध ऐप्स को डिजिटल प्लेटफॉर्म से हटाने में सहायक सिद्ध होता है।
RBI ने 8 मई, 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (डिजिटल लेंडिंग) निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश विनियमित संस्थाओं, उनकी लेंडिंग सर्विस प्रोवाइडर्स (LSP) और डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (DLA) के लिए रिकवरी, डेटा प्राइवेसी और ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र के बारे में कड़े प्रावधानों को अनिवार्य बनाते हैं।
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इसके अलावा, RBI और बैंक शॉर्ट एसएमएस, रेडियो कैंपेन और प्रचार के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं। RBI का ‘ई-बीएएटी’ प्रोग्राम भी फ्रॉड और रिस्क मिटिगेशन को लेकर जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है, साथ ही ‘सचेत’ पोर्टल पर नागरिक अवैध जमा योजनाओं की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।






