
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (सोर्स- सोशल मीडिया)
Excise Duty India States: केंद्र सरकार ने हाल ही में तंबाकू उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी लगाने के लिए लोकसभा में एक बिल पेश किया था, जिसे बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस पर बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह कोई नया कानून या अतिरिक्त टैक्स नहीं है। उन्होंने कहा कि तंबाकू पर लगाई गई यह एक्साइज ड्यूटी राज्यों के साथ साझा की जाएगी, जिससे राज्यों को भी लाभ होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में तंबाकू उत्पादों पर सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कई सांसदों के आरोपों को खारिज करते हुए साफ किया कि सरकार कोई नया सेस नहीं लगा रही है, बल्कि एक्साइज ड्यूटी लगा रही है, जो GST से पहले भी मौजूद थी।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि तंबाकू उत्पादों पर लगाई गई इस एक्साइज ड्यूटी को फाइनेंस कमीशन की सिफारिशों के अनुसार राज्यों के साथ साझा किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि GST लागू होने के बाद राज्यों को जो राजस्व नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हो सके।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार हमेशा राज्यों के हितों का ध्यान रखती है और किसी भी राज्य को आयोग द्वारा तय की गई राशि से कम संसाधन नहीं मिलते हैं।
सीतारमण ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि केंद्र सरकार GST कंपनसेशन सेस का उपयोग अपना कर्ज चुकाने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनसेशन सेस वास्तव में कोविड-19 महामारी के दौरान राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए लिए गए लोन को चुकाने के उद्देश्य से एकत्र किया गया था।
सेंट्रल एक्साइज एक्ट में संशोधन के तहत, केंद्र सरकार ने विभिन्न श्रेणियों की सिगरेट के प्रति 1,000 स्टिक पर 2,700 रुपये से 11,000 रुपये तक एक्साइज ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव रखा है।
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वित्त मंत्री ने WHO के हवाले से कहा कि GST लागू होने के बाद आठ साल से सिगरेट पर सेस की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था, जबकि इससे पहले तंबाकू के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए दरें हर साल बढ़ाई जाती थीं। अब इस ड्यूटी के माध्यम से तंबाकू उत्पादों की अफोर्डिबिलिटी को स्थिर करने की कोशिश की जाएगी।






