भारतीय दवाईयां (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले ने दुनिया को हिला दिया है। अब खबर आ रही है कि डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही ऑटो इंपोर्ट पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद अब जल्द ही फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री को अपना निशाना बनाने वाले है। वो जल्द ही फार्मा सेक्टर पर टैरिफ को लेकर ऐलान करने वाले हैं। हालांकि, उन्होंने इसकी टाइमिंग और रेट के बारे में अभी कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने यह भी कहा है कि वे अमेरिकी टैरिफ से बचने के इच्छुक देशों के साथ डील पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसे कॉन्ट्रेक्ट उनके प्रशासन द्वारा 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद ही हो सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि ब्रिटेन समेत कुछ देशों ने संभावित डील्स पर चर्चा करने के लिए अमेरिका से कॉन्टेक्ट किया है। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी हाल ही में कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित ट्रेड कॉन्ट्रेक्ट को लेकर जारी बातचीत ‘अच्छी तरह’ आगे बढ़ रही है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर के बाद फार्मा प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाने के ट्रंप के वादे से इंडियन मेडिसिन कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा, यह एक बड़ा सवाल है। इस समय अमेरिका इंडियन मेडिसिन पर कोई शुल्क नहीं लगाता है। अमेरिका में दवा सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा इंडियन मेडिसिन कंपनियां करती हैं। साल 2022 में अमेरिका में डॉक्टर्स द्वारा लिखे गए पर्चों में 40 प्रतिशत यानी 10 में से 4 के लिए दवाओं की सप्लाई इंडियन कंपनियों ने की थी। इंडस्ट्री के सूत्रों के अनुसार, कुल मिलाकर इंडियन कंपनियों की मेडिसिन से 2022 में अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम को 219 अरब डॉलर की बचत हुई और साल 2013 से साल 2022 के बीच कुल 1,300 अरब डॉलर की सेविंग्स हुई। भारत का मेडिसिन इंडस्ट्री वर्तमान में अमेरिकी मार्केट पर काफी हद तक निर्भर है और इसके टोटल एक्सपोर्ट में अमेरिका का हिस्सा लगभग एक-तिहाई है।
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शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर अरविंद शर्मा का कहना है कि टैरिफ लगाने से अमेरिका अनजाने में अपनी डोमेस्टिक हेल्थकेयर लागत में बढ़त कर सकता है। इससे अमेरिकी कंज्यूमर्स पर बोझ पड़ेगा और हेल्थकेयर तक उनकी पहुंच दुर्लभ हो जाएगी। अमेरिका अपनी घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए दवा उत्पादों का शुद्ध इंपोर्टर्स रहा है। लिमिटेड सप्लाई के चलते फार्मास्यूटिकल्स पर 25 प्रतिशत या उससे ज्यादा टैरिफ काफी मुश्किल है।