प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई: अमेरिका के ईरान में तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमले के बाद पश्चिम एशिया में बढ़े तनाव के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में सोमवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 705.65 अंक की गिरावट के साथ 81,702.52 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 182.85 अंक फिसलकर 24,929.55 अंक पर रहा। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंटेक्स भी करीब-करीब एक प्रतिशत लुढ़कर कारोबार कर रहे थे।
BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट वैल्यूएशन पिछले सत्र के लगभग 448 लाख रुपये से फिसलकर लभगभ 445 लाख रुपये हो गया है। इससे यह पता चलता है कि सप्ताह के पहले कारोबारी दिन के पहले 15 मिनट में ही निवेशकों को लभगभ तीन लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
1. ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री
गौरतलब है मिडल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच पीछले 10 दिनों से भीषण युद्ध जारी है। हालांकि, इस मामले में अमेरिका के हालिया दखलअंदाजी ने मार्केट के मूड को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इससे विश्व को यह संदेश मिला कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव और लंबा चल सकता है।
जियोजित इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका भले ही ईरान पर हमला करके पश्चिम एशिया के तनाव को और बढ़ा दिया है, लेकिन बाजार पर इसका प्रभाव सीमित रहने की संभावना है। हालांकि, अगर ईरान अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है, तो अमेरिकी प्रतिक्रिया बड़ी पैमाने पर हो सकती है और इससे संकट बढ़ सकता है।
2. होर्मुज जलडमरूमध्य पर ईरान का बयान
मीडिया रिपोर्ट की माने तो ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की योजना बना रही है, जो कि दुनिया के लिए एक अहम उर्जा मार्ग है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, दुनिया की कुल तेल सप्लाई का लभगभ पांचवां हिस्सा रोजाना इसी मार्ग से जाता है। अगर ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करता है तो कच्चे तेल की सप्लाई बुरी तरह से बाधित हो जाएगी और तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
विश्लेषकों की माने तो 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर कच्चे तेल की कीमतों का लंबे समय तक बने रहना भारत के राजकोषीय लक्ष्यों (फिस्कल मैथ) के लिए नकारात्मक होगा। कच्चे तेल की उंची कीमतें होने से महंगाई बढ़ सकती है, भारतीय रुपये को कमजोर हो सकती हैं, कंपनियों की उत्पादन लगात बढ़ा सकती हैं और उनके फायदे पर भारी दवाब डाल सकती हैं।
Share Market पर ईरान-इजरायल युद्ध का असर, 705 अंक गिरा सेंसेक्स, निफ्टी का भी बुरा हाल
अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद ग्लोबल सप्लाई बाधित होने की चिंताओं के बीच सोमवार को ब्रेंट क्रूड तेल की कीमतों में 2 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई और यह 79 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गाय। वहीं अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारती रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 17 पैसे टूटकर 86.72 पर आ गया।