शशिधर जगदीशन, (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: लीलावती हॉस्पिटल ट्रस्ट ने आर्थिक धोखाधड़ी के लिए HDFC बैंक के सीईओ शशिधर जगदीशन के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की है। ट्रस्ट के एक मेंबर ने बैंक सीईओ पर उनके पिता को परेशान करने के लिए बड़ी रकम लेने का आरोप लगाया है। लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने सबूत के तौर पर डायरी में हाथ से लिखे लेनदेन को प्रस्तुत किया है। हालांकि, HDFC बैंक के प्रवक्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, जगदीशन को कुछ गलत लोग निशाना बना रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ डिफॉल्टर बैंक के बकाए लोन की वसूली से बचने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रस्ट ने बैंक पर 25 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया है। ट्रस्ट मेंबर्स ने शनिवार को कहा कि वे जगदीशन सहित 8 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने के मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के आधार पर कार्रवाई करना चाहते हैं। जगदीशन पर आरोप है कि ट्रस्ट के एक पूर्व सदस्य ने उन्हें एक दूसरे मौजूदा सदस्य के पिता को परेशान करने के लिए 2.05 करोड़ रुपये दिए थे। इसी लेनदेन को हाथ से लिखी एक डायरी में दर्ज किया गया था, जिसे अब सबूत के तौर पर पेश किया जा रहा है।
अब शनिवार को जारी बयान में बैंक ने कहा है कि MD और CEO शशिधर जगदीशन की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए कानून का सहारा लिया जा जाएगा। बैंक ने सफाई देते हुए कहा है कि यह बैंक पर लंबे समय से बकाए लोन की वसूली से जुड़ा मामला है। बताया गया, ट्रस्टी, प्रशांत मेहता और उनके परिवार के सदस्यों पर HDFC से लिया गया बड़े अमाउंट का लोन बकाया था, जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा था। लगभग 20 साल से रिकवरी की कोशिश की जा रही है और हर बार प्रशांत व उनके परिवार के लोग कोई न कोई कानूनी पैंतरा अपना रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट सहित हर लेवल पर चूकने के बाद अब बैंक के MD और CEO को निशाना बनाया जा रहा है। बैंक ने कानून पर भरोसा रखते हुए कहा कि उन्हें यकीन है लीलावती ट्रस्ट के ट्रस्टी और अधिकारियों के बैंक और उसके एमडी और सीईओ की छवि को धूमिल करने के धोखाधड़ीपूर्ण इरादे सामने लाए जाएंगे।