तेजस एक्सप्रेस (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : इंडियन रेलवे भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे अहम रोल निभाता है। इसे इंडियन इकोनॉमी की रीढ़ की हड्डी भी कहा जाता है। अक्सर लोग लंबे सफर की दूरी तय करने के लिए और माल की आवाजाही को बेहद सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने जरूरी भूमिका निभायी है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेजस एक्सप्रेस ने साल 2024 के अक्टूबर के महीने तक लगभग 70 लाख रुपये का प्रॉफिट कमाया है, जबकि टिकटों की बिक्री से लगभग 3.70 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट हुआ है, जो रेलवे की पहली प्राइवेट ट्रेन के लिए एक स्टेबल शुरूआत का इशारा है।
इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी आईआरसीटीसी की लखनऊ से दिल्ली की ओर जाने वाली तेजस एक्सप्रेस, वर्ल्ड क्लास स्टैंडर्ड के 50 रेलवे स्टेशनों को डेवलप करने और प्राइवेट पैसेंजर ट्रेन ऑपरेटर्स को अपने नेटवर्क पर 150 ट्रेनें ऑपरेट करने की परमिशन देने के लिए रेलवे की ऑक्शन का एक हिस्सा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 5 अक्टूबर को ऑपरेट शुरू होने के बाद से ट्रेन एवरेज 80 से 85 प्रतिशत पैसेंजर्स के साथ चली है। 5 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक यानी 21 दिन, क्योंकि ट्रेन हफ्ते में 6 दिन चलती है। आईआरसीटीसी द्वारा ट्रेन चलाने में किया गया खर्च तकरीबन 3 करोड़ रुपये था।
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आईआरसीटीसी इस एडवांस ट्रेन को चलाने के लिए रोज एवरेज तकरीबन 14 लाख रुपये एक्सपेंस करती है और पैसेंजर किराए से हर दिन करीब 17.50 लाख रुपये कमाती है। लखनऊ से दिल्ली रूट पर तेजस एक्सप्रेस रेलवे का पहला एक्सपीरियंस है, जिसमें नॉन-रेलवे ऑपरेटर और इसकी अपनी सहायक कंपनी आईआरसीटी द्वारा ट्रेन चलाई जा रही है। आईआरसीटीसी अपने पैसेंजर्स को कई तरह की सुविधाएं भी दे रही है, जिसमें खाना, 25 लाख रुपए तक का फ्री इंश्योरेंस और देरी की स्थिति में क्लेम। सरकार ने पिछले महीने प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर और स्टेशन रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर पहल में तेजी लाने के लिए सेक्रेटरी के एक समूह को शामिल करते हुए एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया था। हालांकि, ग्रुप की पहली बैठक अभी होनी बाकी है।