
आज भारतीय शेयर बाजार में कमजोर रही (सोर्स- सोशल मीडिया)
Stock Market Investment Strategy: हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन यानी 18 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार में सुस्ती का माहौल देखा जा रहा है। ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेतों और निवेशकों की सावधानी के चलते बेंचमार्क इंडेक्स गिरावट के साथ खुले। फिलहाल सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं, जिससे ट्रेडर्स के बीच बेचैनी बढ़ गई है। बाजार के जानकारों का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की गतिविधियों और जापानी केंद्रीय बैंक के फैसलों का असर आज ट्रेडिंग पर बना रहेगा।
आज सुबह सेंसेक्स करीब 140 अंक या 0.18 फीसदी गिरकर 84,428 के आसपास खुला, जबकि निफ्टी 50 अंक की गिरावट के साथ 25,770 के स्तर पर दिखा। बाजार की चौड़ाई को देखें तो लगभग 1,280 शेयरों में गिरावट आई है, जबकि 907 शेयर बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं।
दिग्गज शेयरों में TCS, SBI और टेक महिंद्रा जैसे स्टॉक्स तेजी दिखा रहे हैं। दूसरी ओर, टाटा स्टील, NTPC और मारुति सुजुकी जैसे बड़े शेयरों में बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है। भारतीय रुपया भी आज 90.37 के स्तर पर स्थिर खुला।
तकनीकी चार्ट पर निफ्टी इस समय कंसोलिडेशन के दौर से गुजर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, निफ्टी के लिए 26,200 का क्षेत्र एक मजबूत रेजिस्टेंस (रुकावट) बना हुआ है। जब तक इंडेक्स इस स्तर को पार नहीं करता, तब तक बड़ी रैली की संभावना कम है।
नीचे की तरफ 25,700 और 25,500 के स्तर एक अहम सपोर्ट के रूप में काम कर रहे हैं। डेरिवेटिव्स डेटा भी संकेत दे रहा है कि ट्रेडर्स ऊपरी स्तरों पर सावधानी बरत रहे हैं और कॉल राइटर्स ने 26,000 के स्तर पर मजबूत पकड़ बना रखी है।
बाजार में एक दिलचस्प ट्रेंड देखने को मिला है कि एफआईआई (FII) की खरीदारी के बावजूद बाजार नीचे जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी निवेशक अब ‘रैली पर बेचने’ (Sell on Rally) की रणनीति अपना रहे हैं।
साथ ही, अमेरिकी बाजार में एआई (AI) ट्रेड कमजोर हो रहा है, जिसका असर वैश्विक स्तर पर दिख रहा है। इसके अलावा, निवेशकों की नजर जापान के केंद्रीय बैंक पर भी है। अगर वहां ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो ‘येन कैरी ट्रेड’ में बदलाव आ सकता है, जिससे विदेशी निवेशकों की बिकवाली और बढ़ सकती है।
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जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा बाजार में गिरावट से घबराने के बजाय इसे अवसर के रूप में देखना चाहिए। निवेशकों को उन क्वालिटी स्टॉक्स पर फोकस करना चाहिए जिनकी कीमत इस समय आकर्षक स्तर पर है।
शॉर्ट टर्म में बाजार साइडवेज (एक दायरे में) रह सकता है, इसलिए किसी भी बड़ी गिरावट पर अच्छे फंडामेंटल वाले शेयरों में धीरे-धीरे खरीदारी करना एक समझदारी भरा कदम होगा। जब तक बाजार में कोई स्पष्ट ब्रेकआउट नहीं होता, तब तक आक्रामक ट्रेडिंग से बचना बेहतर है।






