
लक्ष्मी मित्तल (सौ. सोशल मीडिया )
लंदन : दुनिया में स्टील के मामले में एक ऐसे भारतीय बिजनेसमैन का बोलबाला है, जिनका इस सेक्टर में पूरी तरीके से कब्जा है। अब बताया जा रहा है कि स्टील किंग के नाम से फेमस बिजनेसमैन लक्ष्मी मित्तल ने अब ब्रिटेन छोड़ने का मन बना लिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार ने ‘नॉन-डोम’ टैक्स रिजीम को खत्म करने का निर्णय लिया है। जिसके चलते लक्ष्मी मित्तल देश छोड़ने का मन बना रहे हैं। इसी के साथ वो रीलोकेट करने वाले सबसे रिच बिजनेसमैन्स में से एक हो जाएंगे।
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, लक्ष्मी मित्तल ब्रिटेन में लगभग 30 सालों से रह रहे हैं। उन्होंने अपने करीबी लोगों को बताया है कि सरकार द्वारा कुछ फॉरेन इनकम और लाभों के लिए कर छूट खत्म करने के फैसले को लेकर वह ब्रिटेन छोड़ने का मन बना रहे हैं। मित्तल के एक फ्रेंड ने एक मीडिया ग्रुप को जानकारी देते हुए बताया है कि वह कई दूसरे ऑप्शन्स पर भी विचार कर रहे हैं और इस साल के खत्म होने तक फैसला ले लेंगे। हालांकि, यह उम्मीद की जा रही है कि वह यूके के टैक्स पेयर नहीं रहेंगे।
पिछले साल संडे टाइम्स रिच लिस्ट में 14.9 बिलियन पाउंड की एक्सपेक्टेड नेटवर्थ के साथ वह 7वें पायदान पर थे। उनके पास, यूरोप, एशिया और अमेरिका में कई हाई-वैल्यू प्रॉपर्टीज हैं। इनमें लंदन के केंसिंग्टन पैलेस गार्डन में एक हवेली और सेंट मोरित्ज के स्विस रिसॉर्ट टाउन में एक शैलेट भी शामिल हैं। सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, दुबई के रियल एस्टेट में भी उनका निवेश है।
सेल्फ-मेड बिलेनियर मित्तल मेहनत और लगन से अपने स्टील बिजनेस को आर्सेलर मित्तल में बदल दिया, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील प्रोड्यूसर है। साल 2021 में सीईओ के पद से इस्तीफा देते हुए उन्होंने अपने बेटे आदित्य मित्तल को कंपनी की कमान सौंपी थी। जबकि वो खुद एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद पर बने रहे। मित्तल परिवार के पास 24 बिलियन पाउंड की कंपनी का 40 प्रतिशत हिस्सा है। अगर मित्तल वाकई में ब्रिटेन छोड़ देते हैं, तो दुबई, स्विट्जरलैंड और इटली जैसे कम टैक्स वाले देशों को चुनने वाले अरबपतियों की संख्या और बढ़ जाएगी।
बिजनेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
नॉन-डोम टैक्स रिजीम का ट्रेंड ब्रिटेन में 226 सालों से है। नॉन-डोम टैक्स रिजीम के अंतर्गत ब्रिटेन में रह रहे ऐसे लोगों को अपनी विदेशी इनकम पर टैक्स छूट मिलती है, जिनका परमनेंट एड्रेस किसी और देश में है। पिछले साल मार्च में तत्कालीन ब्रिटिश वित्तमंत्री जेरेमी हंट ने इसे हटाने का फैसला लिया था। नई वित्तमंत्री रेचेल रीव्स ने तो अक्टूबर के बजट में इसे खत्म करने का ऐलान कर दिया है। नॉन-डोम टैक्स रिजीम के खत्म होने से विदेशी इनकम पर अब लोगों को भारी टैक्स चुकाना होगा।






