शेयर बाजार में गिरावट
सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार में भारी गिरावट के साथ खुले। सोमवार, 2 जून 2025 को बाजार खुलते ही सेंसेक्स 644.76 अंक यानी 0.74 प्रतिशत फिसलकर 80,855.18 के स्तर पर आ गया। जबकि निफ्टी 165.30 अंक यानी 0.67 फीसदी नीचे गिरकर 24,585.95 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
इससे पहले शेयर बाजार में कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को भी बाजार गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ था। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 81.01 अंक यानी 0.22 प्रतिशत फिसलकर 81,451.01 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, एनएसई का निफ्टी 50 भी 82.90 अंक यानी 0.33 प्रतिशत गिरकर 24,750.70 पर आ गया था।
भारत के अलावा दूसरे एशियाई बाजारों की बात करें तो वहां भी मार्केट में मंदी है। सोमवार को निक्केई 1.21 प्रतिशत नीचे गिर गया, तो वहीं ब्रोडर टॉपिक्स इंडेक्स में भी 0.83 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा एएसएक्स 200 भी 0.1 प्रतिशत फिसल गया। हालांकि, कोस्पी इसके विपरीत0.03 प्रतिशत उछलकर ऊपर आया। वहीं सार्वजनिक अवकाश की वजह से मलेशिया, चीन और न्यूजीलैंड के शेयर बाजार में छुट्टी रही।
सोमवार को बाजार में आई हलचल से अधिक्तरअधिकांश कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई, वहीं बाजार से विपरीत अडानी समूहके शेयरों में उछाल देखने को मिला। बीएसई सेंसेक्स में शामिल अडानी पोर्ट एंड सेज टॉप गेनर रही। शुरुआती ट्रेड में कंपनी का शेयर एक प्रतिशत से ज्यादा चढ़कर 1,449.45 अंक पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी पर कंपनी अडानी पोर्ट का शेयर प्राइस 1.34 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 1,452 रुपये पर पहुंच गया।
बाजार में आई इस गिरावट की बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ को माना जा रहा है। ट्रंप ने हाल ही में स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर अमेरिकी टैरिफ को दोगुना करके 50% कर दिया है। ट्रंप के इस फैसले से पूरी दुनिया की स्टील इंडस्ट्री पर असर पड़ा है, खासकर भारत पर जो अमेरिका में स्टील और एल्यूमीनियम आयात करने में सबसे आगे था।
टाटा का एयर इंडिया प्लान, ₹30 हजार करोड़ खर्च करके बदलेगी सूरत
भारत ने अमेरिका को फाइनेंशियल ईयर 2025 में 4.56 बिलियन डॉलर यानी लगभग 38,000 करोड़ रुपये का स्टील और एल्यूमिनियम से जुड़ा सामान एक्सपोर्ट किया। इसमें मुख्य रूप से 587.5 मिलियन डॉलर का आयरन और स्टील, 3.1 बिलियन डॉलर का लोहे या स्टील से बना हुआ सामान और 860 मिलियन डॉलर का एल्यूमिनियम और इससे जुड़ी चीजें शामिल हैं। लेकिन अब ट्रंप के इस फैसले से इन पर 50% टैक्स लगेगा। इससे भारतीय सामान अमेरिका में महंगे हो जाएंगे।