रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने बाकी बैंकों के लिए कुछ विशेष निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के बारे में ये कहा गया है कि ट्रांसेक्शन से जुड़े मामलों से ग्राहकों को कॉल करने के लिए सिर्फ 1600 फोन नंबर वाली सीरीज से ही कॉल किया जाना चाहिए। यदि बैंक और बाकी रेग्यूलेटेड संस्थाएं प्रमोशन के उद्देश्य के लिए ग्राहकों को कॉल या एसएमएस करती हैं, तो उन्हें 140 फोन नंबर वाली सीरीज का इस्तेमाल करना चाहिए।
आरबीआई का ये मानना है कि ऐसा करने से वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लग सकती है। इसके अलावा भी, आरबीआई ने बैंकों और बाकी रेग्यूलेटेड संस्थाओं को अपने कस्टमर डेटाबेस की निगरानी करने और यूजलेस डेटा को हटाने के लिए भी कहा है।
आरबीआई ने देश के सभी बैंकों को जारी किए गए सर्कुलर में ये कहा है कि सही वेरिफिकेशन के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को अपडेट करने और कैंसल्ड मोबाइल नंबरों से जुड़े अकाउंट्स की निगरानी बढ़ाने के लिए कहा गया है, जिससे लिंक किए गए अकाउंट्स को धोखाधड़ी में शामिल होने से रोका जा सकता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 31 मार्च 2025 से पहले इन निर्देशों का अनुपालन करने के लिए कहा है। आरबीआई ने इसके बारे में ये कहा है कि डिजिटल ट्रांसेक्शन के प्रमोशन ने ग्राहकों को ये सुविधा दी है, लेकिन इसके कारण धोखाधड़ी के मामलों में भी भारी बढ़त आयी है। हालांकि ये एक गंभीर चिंता का विषय है और इसके खिलाफ स्ट्रांग एक्शन की की जरूरत को हाईलाइट किया है।
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एक और सर्कुलर में आरबीआई ने सभी बैंकों से कहा है कि वे सभी मौजूदा और नए अकाउंट या लॉकर में नॉमिनी का नाम तय करें। केंद्रीय बैंक आरबीआई ने ये कहा है कि बड़ी संख्या में अकाउंट्स में कोई नॉमिनी नहीं है। नॉमिनी सुविधा का उद्देश्य अकाउंट होल्डर की मौत पर परिवार के सदस्यों की कठिनाई को कम करना और इन क्लेम्स का जल्दी निपटारा करना है।
आरबीआई ने कहा है कि कस्टमर्स को नॉमिनेशन की सुविधा का लाभ उठाने देने के लिए बैंक अकाउंट खोलने वाले फार्म में उपयुक्त संशोधन कर सकते हैं। बैंक अकाउंट्स में नॉमिनी सुनिश्चित करने के लिए बैंक और एनबीएफसी कैंपेन भी शुरू करें।