शक्तिकांत दास (सौजन्य : सोशल मीडिया)
वाशिंगटन : भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और करेंसी स्टेबिलिटी के लिए सबसे बड़ा रिस्क साबित हो सकते है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि इसके कारण भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जिसे कंट्रोल करना काफी मुश्किल हो सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि इसके कारण आरबीआई अर्थव्यवस्था में करेंसी आपूर्ति पर से कंट्रोल खो सकता है।
दास ने कहा है कि मेरा मानना है कि यह एक ऐसी चीज है, जिसे फाइनेंशियल सिस्टम पर हावी होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसमें वित्तीय स्थिरता के लिए बहुत बड़ा रिस्क है। इसमें मौद्रिक स्थिरता के लिए बहुत बड़ा रिस्क है। यह बैंकिंग सिस्टम के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।
उन्होंने प्रमुख थिंक-टैंक पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में कहा कि यह ऐसी स्थिति भी पैदा कर सकता है, जहां केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति पर कंट्रोल खो देगा। दास ने कहा कि यदि केंद्रीय बैंक इकोनॉमी में मुद्रा आपूर्ति पर कंट्रोल खो देगा, तो सिस्टम में उपलब्ध नकदी की जांच कैसे होगी।
उन्होंने आगे कहा कि संकट के समय मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित कर केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करता है। इसलिए, हम क्रिप्टो को एक बड़े जोखिम के रूप में देखते हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस पर अंतरराष्ट्रीय समझ बननी चाहिए, क्योंकि इसका सीमापार लेनदेन होता है।
ये भी पढ़ें :- KSK महानदी पावर अधिग्रहण के लिए अदाणी समूह ने लगाई सबसे ऊंची बोली
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बड़े रिस्क के बारे में पूरी तरह सचेत रहना चाहिए। मुझे लगता है कि इसे प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। यह राय बहुत लोकप्रिय नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में यह दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।” दास ने ये भी कहा है कि सरकारें भी क्रिप्टोकरेंसी में संभावित नेगेटिव रिस्क के बारे में तेजी से जागरूक हो रही हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)