ईरान - इजराइल (सौ. डिजाइन फोटो )
हाल ही में इजराइल ने अपने दुश्मन देश ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर उन्हें नष्ट करने की कोशिश की है। पिछले 2 दिनों से ये हमला लगातार जारी है। जिसके कारण दुनियाभर के शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की गई है।
एक्सपर्ट्स की राय है कि इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में शुक्रवार को 7 प्रतिशत की बढ़त देखने के लिए मिली है। अब ये सवाल उठ रहा है कि इंटरनेशनल मार्केट में अगर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त हो रही है, तो क्या इसका असर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी पड़ सकता है? अगर ऐसा होता है, तो क्या देश में महंगाई भी बढ़ सकती है? अगर आपके मन में भी ये सभी सवाल है, तो हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
इजराइल ने 12 जून की सुबह ईरान के 4 परमाणु ठिकानों पर हवाई अटैक किए थे। जिसके बाद से ही इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमतों में उछाल दिखायी दे रही है। बता दें कि ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल प्रोड्यूस करने वाला देश है और ईरान की जियोलॉजिकल लोकेशन काफी अहम है, क्योंकि इसी रास्ते से सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देश यूरोप और एशिया को तेल सप्लाई करते हैं। अगर ईरान ने गुस्से के चलते इस रास्ते को बंद कर दिया, तो दुनियाभर की 20 प्रतिशत तेल सप्लाई सेवाएं बाधित हो सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं और भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में पेट्रोल और डीजल महंगा हो सकता है।
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12 जून की सुबह जैसे ही इजराइल ने ईरान के पर हवाई हमले की शुरुआत की थी, उसी के साथ इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने के लिए मिल रही है। वर्तमान समय में इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल है, जो कि ईरान और इजराइल युद्ध शुरू होने से पहले की कीमतों की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है। इसके साथ ही यूएस का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई भी 10 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 74 डॉलर के पार पहुंच गया है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इसमें आगे और भी तेजी आ सकती है।