
पारले जी बिस्किट (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : आने वाला साल 2025 एफएमसीजी सेक्टर के लिए काफी शुभ साबित हो सकता है। इसके कुछ संकेत हमें अभी से देखने को मिल रहे हैं। इस सेक्टर में बढ़ती लागत और फूड इंफ्लेशल में 2 अंकों वाली बढ़त के चलते साल 2024 में इसे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में साल 2024 की दूसरी छमाही में शहरी बाजार की प्रॉफिट की रफ्तार धीमी पड़ गयी थी।
पाम ऑयल, कॉफी, गेहूं और कोको जैसी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने एफएमसीजी कंपनियों को 3 से 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने या पैक के आकार और वजन को कम करने के लिए मजबूर कर दिया है। इससे सेल्स की मात्रा में कमी आ सकती है।
देश की सबसे पुरानी बिस्किट ब्रांड में से एक पारले बिस्किट का पिछले वित्त वर्ष 2023-24 का प्रॉफिट दोगुना होकर 1,606.95 करोड़ रुपये हो गया था। साथ ही इस कंपनी की ऑपरेशनल इनकम 2 प्रतिशत से बढ़कर 14,349.4 करोड़ रुपये हो गई है।
बिजनेस इंफोर्मेशन प्लेटफॉर्म के माध्यम सेल हासिल किए गए वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का टोटल रेवेन्यू 5.31 प्रतिशत से बढ़कर 15,085.76 करोड़ रुपये हो गया, जिसमें अन्य आय का भी समावेश है। पारले प्रोडक्ट्स की सहायक कंपनी पारले बिस्किट ने साल 2022-23 में 743.66 करोड़ रुपये का एकल लाभ और प्रोडक्ट्स की सेल्स से 14,068.80 करोड़ रुपये का रेवन्यू हासिल किया था।
एफएमसीजी सेक्टर से जुड़े निर्माताओं को आने वाले आम बजट में भी मदद मिलने की उम्मीद है। ये सेक्टर उम्मीद कर रहा है कि तनावग्रस्त मध्यम आय वर्ग की मदद के लिए कुछ बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। इसके अलावा भी अच्छे मानसून और ग्रामीण मार्केट में सुधार से कंज्प्शन को बढ़ावा मिल सकता है। इमामी के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हर्ष वी अग्रवाल ने कहा है कि साल 2024 में एक बार फिर से फूड इंफ्लेशन बढ़ने से कंज्पंशन में दिक्कत पैदा हुई है।
डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा है कि साल 2024 के दौरान फूड इंफ्लेशन में बढ़त और शहरी डिमांड में कमी मुख्य चिंताओं का कारण बनी थीं। उन्होंने जानकारी दी है कि ग्रामीण डिमांड में लगातार तेजी आ रही है और उम्मीद की जा रही है कि नए साल में शहरी डिमांड में भी सुधार आ सकता है।
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