(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Zupee Layoff: ऑनलाईन गेमिंग प्लेटफॉर्म जूपी ने गुरुवार को अपने 170 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। यह उसकी कुल कर्मचारियों की संख्या का 30 प्रतिशत है। कंपनी ने यह कदम नए कानून के कारण उठाया है, जिसमें पैसा आधारित ऑनलाइन गेम पर रोक लगाई गई है। इस नई नीति के कारण कंपनी को अपने कामकाज में बदलाव करना पड़ा है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह छंटनी ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन एक्ट, 2025 के लागू होने के बाद की गई है। कंपनी ने यह भी कहा कि जब भी नई भर्तियां होंगी, निकाले गए कर्मचारियों को फिर से नौकरी पर रखने में पहली प्राथमिकता दी जाएगी।
जूपी और कई अन्य प्लेटफॉर्म्स को ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025 के लागू होने के बाद अपने मनी बेस्ड गेम बंद करने पड़े, क्योंकि इस विधेयक में पैसों का दांव लगाने वाले सभी खेलों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। जूपी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक (सीईओ) दिलशेर सिंह मल्ही ने कहा कि यह हमारे लिए एक बहुत ही मुश्किल फैसला था, लेकिन नए नियमों के हिसाब से ढलने के लिए यह जरूरी था।
कंपनी सीईओ ने आगे कहा कि जो साथी हमें छोड़कर जा रहे हैं, वे जूपी की यात्रा का एक अहम हिस्सा रहे हैं और हम जूपी को आज यहां तक लाने में उनके योगदान के लिए हमेशा आभारी रहेंगे। हम अपने साथियों को मदद दे रहे हैं, ताकि वे बिना किसी परेशानी और आत्मविश्वास के साथ अपनी अगली नौकरी की शुरुआत कर सकें।
इसमें अनुबंध की नोटिस अवधि के बाद अतिरिक्त वित्तीय सहायता शामिल है, जिसमें लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों को संभावित रूप से छह महीने तक की सहायता मिल सकती है। स्वास्थ्य और कल्याण के संदर्भ में कंपनी उनके मौजूदा स्वास्थ्य बीमा को भी पूरी अवधि तक एक्टिव रखेगी। जूपी ने नए अवसरों की तलाश करने वालों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए 1 करोड़ रुपये का चिकित्सा सहायता कोष भी स्थापित किया है।
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भविष्य को देखते हुए, जूपी ने कहा कि वह सांस्कृतिक रूप से निहित ऑनलाइन सोशल गेम्स और अन्य मनोरंजन उत्पादों के अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने की योजना बना रहा है। 150 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के साथ, कंपनी का मानना है कि यह रणनीतिक दिशा एक अधिक लचीले और भविष्य के लिए तैयार व्यवसाय को बढ़ावा देगी।