नोएल टाटा, (फाइल फोटो)
Tata Sons New Director: देश के सबसे बड़े बिजनेस समूहों में से एक टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा संस ने नोएल टाटा को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर नियुक्त किया है। आज 14 अगस्त को कंपनी की 107वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में ये फैसला लिया गया है। यह रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन के बाद टाटा सन्स की पहली जनरल मीटिंग है।
बता दें कि नोएल टाटा पिछले साल अक्टूबर में रतन टाटा के निधन के बाद से टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन का पद संभाल रहे हैं। अब अधिकारिक रूप से वे टाटा सन्स के बोर्ड में शामिल हो गए हैं। नोएल टाटा की नियुक्ति टाटा ट्रस्ट की ओर से हुई है। ये ट्रस्ट टाटा संस में 66% हिस्सेदारी रखता है और टाटा ग्रुप के कामकाज के महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।
गौरतलब है कि 66 वर्षीय नोएल टाटा अक्टूबर 2024 में ‘टाटा ट्रस्ट’ के चेयरमैन बने थे। वे पहले ही दो फैमिली ट्रस्ट के ट्रस्टी थे। नोएल रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। 9 अक्टूबर को जब रतन टाटा का निधन हुआ उसके बाद से ही नोएल इस पद के लिए इकलौते दावेदार थे। हालांकि, इस बीच उनके भाई जिम्मी का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वे पहले ही रिटायर हो चुके थे। मुंबई में ट्रस्ट की मीटिंग में नोएल के नाम पर सहमति बनी थी।
यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से पढ़ाई करने वाला नोएल ने टाटा इंटरनेशनल से अपने करियर की शुरुआत की। साल 1999 में वे टाटा समूह की रिटेल शाखा ट्रेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किए गए। इस कारोबार को उनकी मां सिमोन द्वारा शुरू किया गया था। साल 2010-11 में नोएल टाटा इंटरनेशनल का चेयरमैन बने। इसके बाद उनके ग्रुप के चेयरमैन बनाए जाने पर चर्चा शुरू हो गई। इस बीच सायरस मिस्त्री ने खुद टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाए जाने की बात कही। इसके बाद सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया और रतन टाटा ने ग्रुप की कमान संभाली। 2018 में उन्हें टाइटन का वाइस चेयरमैन बनाया गया और 2017 में उन्हें ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया।
ये भी पढ़ें: ट्रंप-पुतिन की बैठक से पहले शेयर बाजार में तेजी, हरे निशान में बंद हुए सेंसेक्स और निफ्टी
नोएल अपने बड़े भाई रतन टाटा की तरह शांत व संयमित आचरण के लिए जाने जाते हैं। उनकी खूबी लो-प्रोफाइल नेतृत्व शैली है, जो रतन टाटा के ज्यादा सार्वजनिक रहने के नजरिये के उलट है। जहां रतन को एविएशन से लेकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तक काम करने का अनुभव था। वहीं, नोएल के पास अनुभव की कमी है।