सिनेमा हॉल (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारत के मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी एमएआई ने सिनेमा टिकट निर्धारण को समय के अनुसार बदलने लायक यानी फ्लेक्सिबल करने की मांग का बचाव किया है। आपको बता दें कि इस फ्लेक्सिबिलिटी के कारण ही, हफ्ते का दिन, सीटिंग टाइप, फिल्म का फॉरमेट और सिनेमा का फॉरमेट जैसे कारणों के आधार पर सीट के प्राइस में उतार चढ़ाव होता है।
एमएआई ने फिल्म निर्माता करण जौहर की हालिया टिप्पणियों पर बयान जारी करते हुए कहा कि सिनेमा प्रदर्शक अब दर्शकों की मांग को बढ़ाने और टिकट के मूल्य निर्धारण को अनुकूलित करने के लिए डिजिटल मीडियम का उपयोग कर रहे हैं। जौहर की टिप्पणी को नजरअंदाज करते हुए एमएआई ने अपने अध्यक्ष कमल ज्ञानचंदानी के हवाले से बयान में कहा कि भारत के सभी मल्टीप्लेक्सों में एनरेज टिकट प्राइस यानी एटीपी 130 रुपये प्रति टिकट है।
करण जौहर ने एक बयान में सिनेमा प्रदर्शकों पर ऊंची कीमत लगाने का आरोप लगाया था। एमएआई ने कहा कि देश की सबसे बड़ी सिनेमा शृंखला पीवीआर-आइनॉक्स ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 258 रुपये का एटीपी दर्ज किया। इसके अतिरिक्त, इस अवधि के दौरान पीवीआर-आइनॉक्स में एफएंडबी पर प्रति व्यक्ति औसत खर्च यानी एसपीएच 132 रुपये रहा।
इसने कहा कि इससे 4 मेंबर्स वाले परिवार का कुल औसत खर्च 1,560 रुपये हो जाता है, जो मीडिया रिपोर्ट में बताए गए 10,000 रुपये के आंकड़े से काफी अलग है। एमएआई पीवीआर-आइनॉक्स जैसी 11 सिनेमा चैन का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत के मल्टीप्लेक्स बिजनेस का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा ऑपरेट करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में करण जौहर ने कुछ अन्य फिल्म निर्माताओं के साथ एक पैनल चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि सिनेमा प्रदर्शक टिकट और खाद्य एवं पेय यानी फूड एंड बेवरेज की ऊंची कीमतों के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे सिनेमा हॉल में जाना पसंद नहीं करते, क्योंकि 4 मेंबर्स वाले परिवार के लिए टिकट और पॉपकॉर्न आदि सहित औसत लागत 10,000 रुपये हो सकती है, जो उनकी फाइनेंशियल कंडीशन के अनुरूप सही नहीं है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)