डॉ. जितेंद्र सिंह (सौ. सोशल मीडिया X )
नई दिल्ली : केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मामलों के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को पेंशनर्स को लेकर एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि पेंशनहोल्डर्स की शिकायतों के निपटारे में प्रशासनिक संवेदनशीलता और दक्षता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी रिटायर व्यक्ति को बाकी अमाउंट पाने के लिए इधर- उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
यहां 13वीं अखिल भारतीय पेंशन अदालत में सिंह ने पेंशन संबंधी शिकायतों के समय से निपटारा करने की व्यवस्था का आह्वान करते हुए पेंशनहोल्डर्स की गरिमा सुनिश्चित करने में प्रशासनिक संवेदनशीलता और दक्षता की जरूरत बताई। उन्होंने पूरे देश के पेंशनर्स, सरकारी ऑफिसरों और विभागों के प्रमुखों को एक साथ लाने वाले 1 दिवसीय कार्यक्रम में कहा कि पेंशन अदालत मॉडल हाल के सालों में किए गए सबसे जन केंद्रित सुधारों में से एक है।
सिंह ने कहा है कि एक पेंशनहोल्डर्स, जिसने देश को जीवन भर सेवा दी है, उसे अपने हक के लिए इधर-उधर भटकना नहीं चाहिए। उन्होंने विभागों से ऐसे मामलों के सोल्यूशन में ‘पूरी सरकार’ का दृष्टिकोण अपनाने को कहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि समाधान सिर्फ प्रतिक्रियात्मक नहीं होना चाहिए, बल्कि पूर्वानुमानित भी होना चाहिए, जो टेक्नोलॉजी से समर्थित और संवेदनाओं से प्रेरित हो।
"All India Pension Adalat", a unique new initiative started by the @narendramodi government, has been an illustrious success story of the last 11 years.
Over 18,000 Pension related grievances resolved so far, on the spot.
Our motive has to be that no retiree should need to… pic.twitter.com/WM5U5lgxsG
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) June 4, 2025
मंत्री ने पेंशनर्स तक पहुंचने के लिए डिजिटल साधन के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया, जो व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में भाग लेने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। सिंह ने कहा है कि ये अदालतें न सिर्फ शिकायत निवारण के लिए एक प्लेटफॉर्म का प्रतिनिधित्व करती हैं, बल्कि सरकार का यह वादा भी है कि कोई भी आवाज अनसुनी नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा है कि केंद्रीकृत पेंशन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली जैसे डिजिटल उपायों पर असल समय के आधार पर नजर रखने और समाधान के लिए लाभ उठाया जाना चाहिए। मंत्री ने विभागों और ऑफिसर्स से आग्रह किया कि वे पेंशनहोल्डर्स के साथ न सिर्फ लाभार्थियों के रूप में बल्कि ‘प्रशासनिक परिवार के सम्मानित सदस्य’ के रूप में व्यवहार करें।
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सिंह ने कहा कि अदालत सिर्फ शिकायत निवारण मंच ही नहीं है, बल्कि प्रशासनिक प्रदर्शन का ‘बैरोमीटर’ भी है। उन्होंने कहा है कि जब नागरिकों को लगता है कि उनकी बात सुनी जा रही है और उनका सम्मान किया जा रहा है, तो इससे शासन में भरोसा बढ़ता है। कार्मिक मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सितंबर, 2017 में अपनी स्थापना के बाद से, देश भर में 12 पेंशन अदालतें आयोजित की गई हैं, जिनमें कुल 25,416 मामले लिये गये। इनमें से 18,157 सफलतापूर्वक हल किये गये।
(एजेंसी इनपुट के साथ)