मार्क जुकरबर्ग (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ऑपरेट करने वाली कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स को लेकर एक बड़ी खबर सामने आयी है। बताया जा रहा है कि कंपनी अपने 5 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकालने के बारे में सोच रहा है। ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अंतर्गत परफॉर्मेंस के आधार पर कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी और उनकी जगह पर नए कर्मचारियों को नियुक्त किया जाने वाला है।
रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि मेटा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने कर्मचारियों को भेजे गए इंटरनल लेटर में ये कहा है कि वे परफॉर्मेंस मैनेजमेंट के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं और कम परफॉर्मेंस करने वालों को तेजी से बाहर निकाला जाएगा।
ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि हाल ही में दी गई जानकारियों के अनुसार, मेटा में तकरीबन 72,000 कर्मचारी काम करते हैं। जिसमें से 5 प्रतिशत का मतलब यानी 3,600 कर्मचारियों की छंटनी की जाने वाली है। कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क स्थित मेटा फेसबुक, व्हाट्सएप, थ्रेड्स और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी है।
कंपनी ने बुधवार को इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कंपनी ने इस बात को स्वीकारा है कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट बिल्कुल सटीक है। ब्लूमबर्ग की इस रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अमेरिका में जो लेबर प्रभावित होंगे, उन्हें 10 जनवरी को इसकी जानकारी दी जाएगी। जबकि बाकी देशों में काम करने वाले लेबर्स को बाद में सूचना दी जाएगी।
मार्क जुकरबर्ग के इस बयान के बाद मेटा इंडिया ने तुरंत रिएक्शन देते हुए माफी मांगी है। मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की आलोचना पर माफी मांगते हुए कहा है कि मार्क जुकरबर्ग का ये बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2024 में कई देशों की सत्तारूढ़ पार्टियां चुनाव हार गई थी, ये बयान बाकी देशों पर लागू हो सकता है, लेकिन ये भारत के बारे में नहीं कहा गया था। मार्क जुकरबर्ग ने अपने इस बयान को गलती बताया और भारत की जनता से माफी भी मांगी थी।