कर्मचारी भविष्य निधि, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Employee Provident Fund: केंद्र सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 8.25 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर तय की है। यह ब्याज हर महीने अकाउंट की क्लोजिंग बैलेंस पर जोड़कर साल में एक बार आपके खाते में जमा होता है। लेकिन, अगर आपका ईपीएएफ अकाउंट लगातार 36 महीने तक इनएक्टिव रहता है यानी कि उस खाते में कोई भी जमा या निकासी नहीं होता, तो उस खाते पर ब्याज देना बंद हो जाएगा। EPFO ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए 27 अगस्त 2025 को यह स्पष्ट कर चुका है।
EPFO के अनुसार, एक खाता तब इनएक्टिव माना जाता है जब उसमें ब्याज क्रेडिट को छोड़कर तीन साल तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं होती। सबसे खास बात यह है कि रिटायरमेंट के बाद EPF अकाउंट केवल 3 साल तक एक्टिव रहता है।
यानी 55 साल की उम्र में रिटायर होने के बाद आपका खाता 58 वर्ष की उम्र तक ब्याज अर्जित करता रहेगा, उसके बाद वह एक्टिव नहीं रहेगा। ऐसे में यदि आपने नौकरी बदली है, तो नया EPF अकाउंट खुलवाकर पुराना अकाउंट ट्रांसफर कराना जरूरी है। वहीं यदि फिलहाल नौकरी नहीं कर रहे हैं, तो समय रहते EPF फंड निकाल लेना बेहतर रहेगा, ताकि आपका फंड एनएक्टिव न हो जाए।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया चैनल पर स्पष्ट रूप से कहा है कि यदी आपका EPF खाता 36 महीने से ज्यादा इनएक्टिव है, तो वह इनऑपरेटिव हो जाता है और उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इसलिए नौकरीपेशा सदस्यों को सलाह दी गई है कि वे अपना पुराना EPF खाता नए EPF अकाउंट में तुरंत ट्रांसफर करें। और जो लोग अभी काम नहीं कर रहे, वे अपना EPF फंड निकालने की प्रक्रिया शुरू करें ताकि ब्याज का नुकसान न हो।
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EPFO जल्द ही अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म EPFO 3.0 को लॉन्च करने वाला है। इस नई सेवा को पहले जून 2025 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें देरी हुई है। EPFO 3.0 का उद्देश्य क्लेम प्रोसेसिंग को तेज करना और यूजर्स को UPI के जरिए सीधे EPF विड्रॉल जैसी नई डिजिटल सुविधाएं प्रदान करना है। इस प्रोजेक्ट के लिए EPFO ने तीन प्रमुख आईटी कंपनियां Infosys, TCS और Wipro को शॉर्टलिस्ट किया है जो इसके क्रियान्वयन, संचालन और रखरखाव में मदद करेंगी।