मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है। आंकड़ों के अनुसार, मई के महीने में देश में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ग्रोथ में 9 महीने के सबसे लो स्तर के आधार पर 1 परसेंट से थोड़ा ज्यादा पर रही है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी आईआईपी के माध्यम से मापे जाने वाले इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन का ग्रोथ रेट पिछले साल 2024 के मई महीने में 6.3 प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने अप्रैल के लिए इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ग्रोथ को भी संशोधित कर 2.6 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले इसके 2.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद थी। इससे पहले, अगस्त, 2024 में आईआईपी में सबसे कम ग्रोथ दर्ज की गयी थी। उस समय ग्रोथ रेट स्थिर रही थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में वित्त वर्ष 2025-26 में मई में नीचे गिरकर 2.6 परसेंट रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.1 परसेंट थी। साथ ही माइनिंग प्रोडक्शन में 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में 6.6 फीसदी की बढ़त हुई थी। इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन की दर में 5.8 परसेंट नीचे गिरा है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन 13.7 परसेंट बढ़ा था।
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वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल से मई के दौरान इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में सालाना आधार पर 1.8 प्रतिशत की बढ़त हुई है जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 5.7 परसेंट थी। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा है कि बारिश के जल्दी आने से इसका सीधा असर माइनिंग सेक्टर की एक्टिविटीज पर हुआ है और इलेक्ट्रिसिटी की डिमांड में कमी आई है।जिसके कारण आईआईपी के इन दोनों सब-सेक्टर में मई के महीने में गिरावट आयी है, जबकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ धीमी रही है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)