अश्विनी वैष्णव, (केंद्रीय रेल मंत्री)
नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि भारतीय रेलवे की वित्तीय हालत काफी अच्छी है और इसमें सुधार की कोशिशें भी लगातार जारी हैं। रेल मंत्रालय के कामकाज पर आज उच्च सदन में चर्चा हुई। इसका जवाब देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद काफी सारी चुनौतियां सामने आ गई थीं। हालांकि, अब इन सभी पर सही तरीके से काबू पा लिया गया है। इतना ही नहीं यात्रियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है और माल ढुलाई में भी बढ़ोतरी हुई है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि साल 2023-24 के दौरान भारतीय रेलवे ने 2,75,000 करोड़ रुपये के खर्च के मुकाबले लगभग 2,78,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया। उन्होंने कहा कि खर्च के घटकों में एंप्लॉय कॉस्ट (1,16,000 करोड़ रुपये), पेंशन पेमेंट (66,000 करोड़ रुपये), एनर्जी एक्सपेंडिचर (32,000 करोड़ रुपये) और फाइनेंसिंग कॉस्ट (25,000 करोड़ रुपये) है।
राज्यसभा में जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अपने बेहतर प्रदर्शन की वजह से रेलवे अपने खर्चों को अपनी इनकम से पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर रेलवे की वित्तीय हालत काफी अच्छी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे माल ढुलाई से रेवेन्यू हासिल करते हुए पैसेंजर्स फेयर में सब्सिडी देता है। उन्होंने कहा कि प्रति किलोमीटर लागत 1.38 रुपये है जबकि यात्रियों से 72 पैसे ही लिए जाते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने भारतीय रेलवे की तरफ से युवाओं को दी गई नौकरी के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रेलवे ने पिछले 10 साल में 5 लाख नौकरियां दी हैं। इतना ही नहीं मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार ने 10 सालों के अंदर केवल महज चार लाख नौकरियां ही दीं। रेल मंत्री ने कहा कि जनसंघ के वक्त से हमारी प्राथमिकता गरीब, लोअर मिडिल क्लास रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुल मिलाकर महाकुंभ सही रहा। बस एक घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण रही। उसकी जांच हाइलेवल कमेटी कर रही है। 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।
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केंद्रीय रेल मंत्री ने आगे बताया कि रेलवे का काम कहां पर फंसा हुआ है। मंत्री ने कहा कि केरल में रेलवे के फ्लाईओवर में राज्य सरकार का सहयोग मिले तो और जल्दी काम हो। पश्चिम बंगाल में जमीन अधिग्रहण में बहुत दिक्कत आती है।