इंडियन बैंक (सौ. सोशल मीडिया )
देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने सभी बैंकों को ये निर्देश दिया है कि नकदी जमा राशि बढ़ाने के लिए वे विशेष डिपॉडिट स्कीम तैयार करे। ऐसे में बैंकों पर डिपॉजिट स्कीम को आकर्षक बनाने और परमनेंट डिपॉजिट स्कीम के अंतर्गत अकाउंट खोलने का प्रेशर बढ़ता जा रहा है। ये ना सिर्फ बैंक के लिए बल्कि देश के कर्ज की बढ़ती गति को देखते हुए भी जरूरी है। वित्त मंत्रालय की ओर से सरकारी बैंकों पर ये प्रेशर बनाया जा रहा है कि वे कुछ ऐसा करें कि जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा राशि बैंक में डिपॉजिट करें।
ऐसे में पब्लिक सेक्टर के इंडियन बैंक ने देश में पहली बार बुजुर्गों के लिए स्पेशल ब्रांच खोलने की योजना बनाने का फैसला लिया है। ये कारण है कि एक तरफ जहां युवा वर्ग में डिपॉजिट स्कीमों के प्रति झुकाव कम हो रहा है, तो वहीं सीनियर सिटीजन का झुकाव अभी भी फिक्स्ड डिपॉजिट को लेकर स्थिर है। हालांकि ज्यादातर बैंकों की ओर से बुजुर्गों को स्पेशल सुविधा देने की कोई व्यवस्था नहीं है। इलाहाबाद बैंक के साथ मर्जर के बाद अपनी सर्विसेज की क्वालिटी सुधारने में जुटा इंडियन बैंक देश के कई हिस्सों में केवल बुजुर्गों को सर्विस देने वाली स्पेशल ब्रांचेस ओपन करने जा रही है।
बैंक इन स्पेशल कस्टमर्स के लिए मौजूदा फिक्स्ड डिपॉजिट की जगह कुछ नई स्कीमों को भी लॉन्च करने पर काम कर रहे हैं। नई स्कीमें पहले के मुकाबले ज्यादा आकर्षक दरों वाली हो सकती है। इंडियन बैंक के सीएमडी ये बताते हैं कि उनके बैंक के टोटल परमनेंट फिक्स्ड डिपॉजिट की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है। लगभग सभी सरकारी बैंकों में यही स्थिति बनी हुई हैं।
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इंडियन बैंक का कहना है कि कस्टमर्स के लिए सर्विस की क्वालिटी सुधारने के लिए बैंक ने अपने कॉल सेंटर के फॉरमेट को पूरी तरीके से बदलने का फैसला लिया है। अभी किसी भी बैंक के कॉल सेंटर पर जब कस्टमर फोन करता है, तो वहां उनकी परेशानियों के बारे में सिर्फ पूछताछ की जाती है और सिर्फ सुझाव दिए जाते हैं। परेशानी का हल बाद में निकाला जाता है।