गौतम अडानी और मुकेश अंबानी (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की 4 दिग्गज बिजनेसमैन फैमिली अंबानी, अडानी, बिड़ला और टाटा के परिवार के द्वारा संचालित कंपनियों के किए गए टोटल कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी यानी सीएसआर योगदान में 20 प्रतिशत का कंट्रीब्यूशन दिया है।
दासरा के साथ बेन एंड कंपनी द्वारा तैयार इंडिया फिलेंथ्रेपी रिपोर्ट 2025 के अनुसार, इन कंपनियों ने सीएसआर आइटम में हर ग्रुप औसतन 800 करोड़ रुपये से 1,000 करोड़ रुपये का योगदान किया था। वहीं सीएसआर एक्सपेंस में टॉप प्रतिशत कारोबारी घरानों का योगदान 50 से 55 प्रतिशत दर्ज किया गया है। कंपनीज एक्ट 2013 की सेक्शन 135 के अंतर्गत, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कुछ ट्रेड को एजुकेशन, हेल्थ केयर, रूरल डेव्हलप्मेंट और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे सेक्टरों में अपने नेट प्रॉफिट का मिनिमम 2 प्रतिशत योगदान करने का ऑर्डर दिया।
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में, टोटल 24,394 कंपनियों ने स्पोर्ट्स, हेल्थ और क्लिनलीनेस, स्लम डेव्हलप्मेंट, आर्ट और कल्चर और अन्य जैसे 14 सेक्टरों में सीएसआर एक्टिविटी में करोड़ों रुपये खर्च किए। आज हम आपको इस खबर के जरिए ये बताने जा रहे हैं कि भारत की टॉप सीएसआर खर्च करने वाली कंपनियों के नाम ये हैं।
इस लिस्ट के टॉप पर लीडिंग बैंक एचडीएफसी है, जो अपने सीएसआर कोशिशों के लिए जाना जाता है, जो रूरल डेव्हलप्मेंट, आजीविका वृद्धि, एजुकेशन, हेल्थकेयर और फाइनेंशियल लिटरेसी पर ध्यान केंद्रित करता है। 41,165 करोड़ रुपए के एवरेज नेट प्रॉफिट में से एचडीएफसी ने सीएसआर पर 800 करोड़ रुपये खर्च किया है, जिसके कारण ये भारत की सबसे ज्यादा सीएसआर खर्च करने वाली कंपनियों में से एक बन गई है।
देश के सबसे दिग्गज बिजनेसमैन में से एक रहे रतन टाटा का बिजनेस ग्रुप टाटा कंपनी की सीएसआर इनिशिएट के साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स एजुकेशन पर केंद्रित है। टीसीएस ने एजुकेशन, हेल्थकेयर, क्लिनलीनेस और समुद्री संरक्षण पर सीएसआर पर लगभग 774 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सीएसआर एक्टिविटीज में 743 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं, जिससे ग्रामीण परिवर्तन कार्यक्रमों के जरिए से लगभग 27 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
बिजनेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिसिटी यूटिलिटी कंपनी एनटीपीसी ने अपने सीएसआर पहल के लिए लगभग 320 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। एनटीपीसी के सीएसआर कोशिशों ने 100 से ज्यादा गांवों और स्कूलों को प्रभावित किया है।